लखनऊ : कभी बिजली बिल न जमा करने वालों के घर पहुंचे एमडी, काटे गए कनेक्शन
लखनऊ के बड़ा गांव कंटिगारा मादीपुर व नकोटरा में लगाया बिजली विभाग ने कैंप मध्यांचल एमडी के सूर्य पाल गंगवार और ग्रामीणों के बीच हुई वार्तालाप। कुछ ग्रामीण एमडी मध्यांचल की बातों से प्रभावित हुए और सालों से बकाया पैसा भी जमा किया।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Mon, 26 Oct 2020 11:59 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। भइया आप बताए आखिर बिजली का बिल क्यों नहीं जमा करते, आपकों को बिजली तो पूरी मिल रही है। बिल भी हर माह घर समय से पहुंच रहा है। ऐसा भी नहीं है कि बिल ज्यादा आ रहा है। मीटर रीडर भी आपके घर आता है, इसके बाद भी क्या कारण है, जो आप लोगों ने बिल न जमा करने की ठान रखी है। अगर बिल जमा करेंगे तो बिजली विभाग का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा और बेहतर बिजली मिल सकेगी। यह संवाद मध्यांचल एमडी के सूर्य पाल गंगवार और ग्रामीणों के बीच हुआ। कुछ ग्रामीण एमडी मध्यांचल की बातों से प्रभावित हुए और सालों से बकाया पैसा भी जमा किया। कुछ ऐसे भी थे, जो एक रुपये भी बिजली विभाग को नहीं देना चाहते थे। ऐसे 59 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट दिए गए। यही नहीं एमडी ने अभियंताओं को निर्देश दिए कि राजधानी के बड़ा गांव, कंटिगारा, मादीपुर व नकोटरा गांव में नियमित रूप से कैंप लगाए। अगर उपभोक्ता रुचि दिखाता है, उसका कनेक्शन पार्ट पेमेंट जमा करवाकर जोड़ दिया जाए।
मध्यांचल एमडी विजयदशमी की सुबह ही हाई लॉस वाले फीडरों के गांवों में निकल गए थे। उद्देश्य था कि ग्रामीणों से जाना जाए आखिर बिल क्यों नहीं जमा किया जाता है। अगर मीटर तेज भाग रहा, तो उसकी जांच कराकर बिल ठीक किए जाए। हालांकि अभियंताओं द्वारा लगाए गए कैंप में कुछ उपभोक्ता ऐसे भी आए, जिनके मीटर खराब थे और उपकेंद्र के चक्कर लगाकर ग्रामीण ठक चुके थे। ऐसे उपभोक्ताओं ने फिर पहुंचकर अभियंताओं को दो बाते सुनाई। हालांकि वरिष्ठ अभियंताओं ने मौके पर टीम भेजकर मीटर की जांच कराई और मीटर खराब मिलने पर नया लगवा दिया। यही नहीं उपभोक्ता को नए मीटर का सीलिंग सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया। एक दर्जन से अधिक उपभोक्ताओं के बिल भी ठीक किए गए। कई उपभोक्ताओं ने बिल जमा करने की रुचि दिखाई, लेकिन बिल ज्यादा होने के कारण उसे पार्ट पेमेंट में करने का आग्रह अभियंताओं से किया तो उसे टुकड़ों में करके किस्तें बना दी गई।
2.21 लाख रुपये राजस्व वसूलाअभियंताओं ने मौके पर ही 2.21 लाख रुपये मौके से वसूल कर लिया। अभियंताओं की बात कुछ ग्रामीणों के समक्ष में आई। कुछ अभियंताओं ने व्यक्तिगत रूप से ग्रामीणों से मिले और कहा कि अगर बिल बाकी रहेगा तो हर साल 18 फीसद ब्याज लगकर बढ़ता रहेगा। क्योंकि सरकारी पैसा कभी खत्म नहीं होता है। आप नहीं जमा करोगे तो आने वाली पीढ़ियों पर बोझ बनेगा। यह बात कुछ उपभोक्ताओं के समझ में आई और बिल जमा करने में रुचि दिखाई।
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