Move to Jagran APP

Lucknow Metro: चारबाग से बसंत कुंज तक मेट्रो ईस्ट-वेस्ट कारिडोर रूट मैप तैयार, एलडीए यूपीएमआरसी को देगा जमीन

Lucknow Metro लखनऊ मेट्रो ने पहले ही नार्थ साउथ कारिडोर यानी चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया के बीच मेट्रो का संचालन कर रहा है। इसके एवज में करीब 83 एकड़ जमीन लविप्रा द्वारा लखनऊ मेट्रो को सुलतानपुर रोड स्थित सीजी सिटी में दी जा चुकी है।

By Anshu DixitEdited By: Vikas MishraPublished: Wed, 23 Nov 2022 10:04 AM (IST)Updated: Wed, 23 Nov 2022 10:04 AM (IST)
Lucknow Metro: नए कारिडोर के लिए बसंत कुंज में 46 एकड़ जमीन लेने का प्रयास किया तेज

लखनऊ, जागरण संवाददाता। Lucknow Metro: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) ने अपने नए कारिडोर के लिए शासन स्तर से डीपीआर के मुताबिक जमीन मांगने की प्रकिया शुरू कर दी है। ईस्ट वेस्ट कारिडोर के लिए मेट्रो को करीब 46 एकड़ जमीन चाहिए।

चारबाग से पुराने लखनऊ होते हुए बसंत कुंज जाने वाली मेट्रो के संचालन में यही जमीन मददगार बनेगी। लखनऊ मेट्रो इसी जमीन पर कामर्शियल हब बनाएगा और जमीन से हर माह करोड़ों रुपये किराए की राशि निकालेगा, जिससे मेट्रो अपने कर्मियों को वेतन देता रहे और मेट्रो का संचालन सुगम तरीके से होता रहे। 

यूपीएमआरसी को यह जमीन लखनऊ विकास प्राधिकरण देगा, क्योंकि बसंत कुंज योजना प्राधिकरण की है। इसके लिए पत्राचार की प्रकिया शुरू कर दी गई है। वहीं, बसंत कुंज याेजना में अभी लविप्रा के पास कई एकड़ जमीन अतिरिक्त है। कई एकड़ जमीन पर स्थानीय किसानों का कब्जा भी है, जिसे प्राधिकरण काे कब्जा मुक्त कराना है। मेट्रो अफसरों ने बताया कि हर कारिडोर के लिए जमीन शासन से ली जाएगी।

उद्देश्य है कि मेट्रो किसी पर बोझ न बने और संचालन भी आने वाले कई दशकों तक होता रहे। बता दें कि मेट्रो ने पहले ही नार्थ साउथ कारिडोर यानी चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया के बीच मेट्रो का संचालन कर रहा है। इसके एवज में करीब 83 एकड़ जमीन लविप्रा द्वारा लखनऊ मेट्रो को सुलतानपुर रोड स्थित सीजी सिटी में दी जा चुकी है।

कंसल्टेंट के चयन की प्रकिया शुरूः सीजी सिटी में लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा जो जमीन मेट्रो को दी गई है। उस पर कामर्शियल हब बनाने का खाका कंसल्टेंट द्वारा किया जाएगा। इसके लिए लखनऊ मेट्रो ने टेंडर प्रकिया शुरू कर दी है। इसके बाद संबंधित एजेंसी इस पर मेट्रो के लिए टाइम स्क्वायर की तर्ज पर एक कामर्शियल हब विकसित करेगी, जिसे मेट्रो किराए पर देकर हर माह करोड़ों रुपये किराए पर दे सकेगी। इससे मेट्रो की आर्थिक स्थिति जहां मजबूत होगी, वहीं सरकार पर निर्भरता भी कम हो जाएगी।

बसंत कुंज में जमीन मिलनी है। डीपीआर में इसका उल्लेख है। इसके लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। बसंत कुंज योजना लखनऊ विकास प्राधिकरण की योजना है। -सुशील कुमार, एमडी, यूपीएमआरसी


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.