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आर्ट्स कालेज में शुरू होगी एमएफए टेक्सटाइल की पढ़ाई, लखनऊ विश्वविद्यालय को भेजा गया है प्रस्ताव

कला एवं शिल्प महाविद्यालय ने इस कोर्स को बोर्ड आफ स्टडीज और फैकल्टी बोर्ड से पास करते हुए प्रस्ताव लखनऊ विश्वविद्यालय को भेज दिया है। वहां से एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी मिलने के बाद नए सत्र में इस कोर्स में भी प्रवेश लिए जाएंगे।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Fri, 31 Dec 2021 11:21 AM (IST)
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लखनऊ व‍िश्‍वव‍िद्यालय : बोर्ड आफ स्टडीज, फैकल्टी बोर्ड से भेजा गया है प्रस्ताव।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय के कला एवं शिल्प महाविद्यालय (आर्ट्स कालेज) में नए सत्र से मास्टर आफ फाइन आर्ट (एमएफए) इन टेक्सटाइल की पढ़ाई शुरू हो सकेगी। इसमें छात्र-छात्राओं को टेक्सटाइल डिजाइन में अवध की चिकनकारी, वस्त्र कला के बारे में बताया जाएगा। कालेज ने इस कोर्स को बोर्ड आफ स्टडीज और फैकल्टी बोर्ड से पास करते हुए प्रस्ताव लखनऊ विश्वविद्यालय को भेज दिया है। वहां से एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी मिलने के बाद नए सत्र में इस कोर्स में भी प्रवेश लिए जाएंगे।

कला एवं शिल्प महाविद्यालय में चार डिग्री कोर्स, तीन मास्टर कोर्स के साथ-साथ कई डिप्लोमा कोर्स संचालित हैं। ललित कला विभाग के विभागाध्यक्ष डा. संजीव किशोर गौतम ने बताया कि अभी तक बैचलर आफ फाइन आर्ट (बीएफए) इन टेक्सटाइल कोर्स संचालित है। इसके बाद एमएफए इन टेक्सटाइल के लिए छात्र-छात्राएं बीएचयू या विश्व भारती शांति निकेतन पश्चिम बंगाल में दाखिले के लिए जाते थे। लेकिन वहां सीट कम होने की वजह से बहुत से विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पाता था। अब यह कोर्स कला एवं शिल्प महाविद्यालय में भी शुरू करने की तैयारी है।

नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किया कोर्स : विभागाध्यक्ष डा. संजीव किशोर गौतम के मुताबिक दो साल के इस मास्टर डिग्री कोर्स को नई शिक्षा नीति के तहत बनाया गया है। दाखिले विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा से लिए जाएंगे। इसमें पीजी करने के बाद पीएचडी भी कर सकेंगे।

चार सेमेस्टर का होगा कोर्स : यह नया कोर्स चार सेमेस्टर का होगा। इसमें अवध की वस्त्र कला से लेकर बेड शीट, साड़ियां, पर्दे आदि पर होने वाली डिजाइन भी बतायी जाएगी। विद्यार्थियों को कंप्यूटर के जरिए डिजाइन बनाने की सुविधा देने की तैयारी है। कोर्स में प्रैक्टिकल के साथ लिखित परीक्षा भी होगी।

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