Move to Jagran APP

Mohammed Zubair : धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोपित मोहम्मद जुबैर के खिलाफ मामलों की जांच करेगी दो सदस्यीय एसआइटी

Mohammed Zubair उत्तर प्रदेश में मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ सीतापुर लखीमपुर खीरी हाथरस तथा मुजफफरनगर में धार्मिक भावनाएं भड़काने केस दर्ज हैं। अब मामलों की जांच के लिए दो सदस्यीय स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम (एसआइटी) गठित की गई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2022 06:04 PM (IST)
Hero Image
Mohammed Zubair : उत्तर प्रदेश में मोहम्मद ज़ुबैर
लखनऊ, जेएनएन। धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोपित मोहम्मद जुबैर के खिलाफ सीतापुर व लखीमपुर खीरी के साथ दो अन्य जिलों में केस दर्ज हैं। इन केस की जांच करने के लिए दो सदस्यीय स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम (एसआइटी) गठित की गई है।

पत्रकार और ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को 27 जून को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। ज़ुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

उत्तर प्रदेश में मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ सीतापुर, लखीमपुर खीरी, हाथरस तथा मुजफफरनगर में केस दर्ज हैं। अब मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। गृह विभाग ने आईजी प्रीतिंदर सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की है। इनमें डीआईजी अमित कुमार वर्मा भी जांच टीम में शामिल किया गया है।

नई दिल्ली मे मोहम्मद जुबैर की गिरफतारी के करीब एक सप्ताह बाद चार जुलाई को सीतापुर में एक मामला दर्ज किया गया। इसके बाद लखीमपुर खीरी तथा हाथरस और मुजफ्फरनगर में केस दर्ज किया गया। लखीमपुर कोर्ट ने मोहम्‍मद जुबैर को 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेजने का फैसला दिया है। जुबैर को 25 जुलाई तक न्‍यायिक हिरासत में रहना होगा। कोर्ट ने उनकी कस्‍टडी पुलिस को देने से इनकार कर दिया।

मोहम्मद जुबैर को सोमवार को ही सीतापुर जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था। सीतापुर पुलिस, जुबैर को लेकर दिल्ली गई है। दोपहर करीब एक बजे जुबैर की लखीमपुर कोर्ट में पेशी हुई। जेल प्रशासन ने जुबैर को वीडियो कांफ्र ेंसिंग के जरिए न्यायालय में आनलाइन पेश किया। पेशी को लेकर जेल और पुलिस प्रशासन सुबह से ही तैयारियों में जुटा था। आनलाइन या आफलाइन पेशी को लेकर काफी देर तक संशय बना रहा। पेशी के बाद जुबैर को दिल्ली रवाना किया गया। आरोपित को रिमांड के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया तथा विवेचक द्बारा 24 घंटे के अंदर तफ्तीश पूरी नहीं कर पाने का कथन किया गया। आरोपित जुबेर के वकील लखीमपुर के हरजीत सिंह, सुरेंद्र कुमार व मोहम्मदी के कुलदीप सिंह ने पैरवी में न्यायिक रिमांड का विरोध किया और कहा धारा 153 ए का कोई अपराध आरोपित जुबेर के विरुद्ध नहीं बनता है। जमानत प्रार्थना पत्र भी आज प्रस्तुत किया जिसमें कोर्ट ने 13 जुलाई की तारीख नियत की है।

अंतरिम जमानत के बाद समाप्त हो गई थी पुलिस रिमांड : मोहम्मद जुबैर को न्यायिक मजिस्ट्रेट-प्रथम न्यायालय ने शुक्रवार की शाम करीब छह बजे अंतरिम जमानत दी थी। सुबह करीब 10 बजे पुलिस ने जुबैर को पूछताछ के लिए बाहर निकाला था। पुलिस पूछताछ के बाद जुबैर को बेंगलुरू ले जाने के प्रयास में थी। अंतरिम जमानत मिलते ही उसकी पुलिस रिमांड समाप्त हो गई। जुबैर को वापस जेल भेज दिया गया। सीतापुर में खैराबाद की बड़ी संगत के महंत बजरंगमुनि को अपशब्द कहने के मामले में जुबैर को सीतापुर लाया गया था। जुबैर पर लखीमपुर में भी केस दर्ज है। जुबैर के खिलाफ राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के जिलाध्यक्ष भगवान शरन ने एक जून को केस दर्ज कराया था। जिलाध्यक्ष भगवान शरन ने एक जून को खैराबाद थाने में दी तहरीर में मो. जुबैर के ट्वीट का हवाला दिया था, जिसमें उसने महंत बजरंग मुनि पर टिप्पणी की थी।

पत्रकार मोहम्मद जु़बैर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस के अनुसार 2018 में मोहम्मद ज़ुबैर ने एक फोटो ट्वीट किया था। जिसमें हनीमून होटल का नाम बदल कर एक हिंदू देवता का नाम लिख दिया था। एक ट्विटर यूजर ने उस ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि इससे हिंदू देवता का अपमान हुआ है। मोहम्मद ज़ुबैर ने अपने ट्वीट में उस फोटो को 2014 से पहले और बाद के शासन काल से जोड़ते हुए एक तरह से तंज कसा था। एक ट्विटर हैंडलर ने मोहम्मद ज़ुबैर के एक ट्वीट पर लिखा कि एक खास धर्म के अपमान के इरादे से उन्होंने तस्वीर पोस्ट की थी और उनके खिलाफ एक्शन होना चाहिए। उसके खिलाफ कई केस दर्ज होने के बाद अब इस केस में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी ईडी की भी इंट्री हो गई है। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।