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Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी को सवा साल में सातवीं सजा, कोर्ट में विचाराधीन है 21 मामले

यूपी पुलिस की प्रभावी पैरवी का परिणाम है कि सवा साल में मुख्तार को एक के बाद एक सातवें मामले में सजा सुनाई गई है। वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने जान से मारने की धमकी दिए जाने के मामले में मुख्तार को पांच वर्ष व छह माह के कारावास की सजा सुनाई। मुख्तार के विरुद्ध लंबित 65 मुकदमों में वर्तमान में 21 मुकदमों में कोर्ट में विचारण चल रहा है।

By Alok MishraEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Fri, 15 Dec 2023 09:55 PM (IST)
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बाहुबली से माननीय बने मुख्तार अंसारी के विरुद्ध सजा का सिलसिला 21 नवंबर 2022 को शुरू हुआ था।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को भले ही गैंगस्टर एक्ट के मामले में हुई सजा के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है लेकिन, मुख्तार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। चार दशक से आतंक का पर्याय रहे मुख्तार अंसारी पर न्याय का चाबुक लगातार चल रहा है। यूपी पुलिस की प्रभावी पैरवी का परिणाम है कि सवा साल में मुख्तार को एक के बाद एक सातवें मामले में सजा सुनाई गई है। वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने जान से मारने की धमकी दिए जाने के मामले में मुख्तार को पांच वर्ष व छह माह के कारावास की सजा सुनाई। मुख्तार के विरुद्ध लंबित 65 मुकदमों में वर्तमान में 21 मुकदमों में कोर्ट में विचारण चल रहा है।

बाहुबली से माननीय बने मुख्तार अंसारी के विरुद्ध सजा का सिलसिला 21 नवंबर, 2022 को शुरू हुआ था। प्रभावी पैरवी के चलते पहली बार पुलिस उसे कानूनी दांवपेंच में पटखनी दे पाई थी। लखनऊ के आलमबाग थाने में वर्ष 2003 में जेलर को धमकाने के जिस मुकदमे में मुख्तार अंसारी को एडीजे कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया गया था, उसे सरकार ने 27 अप्रैल, 2021 को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और इसी मामले में उसे पहली बार सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।

इसके बाद 23 सितंबर, 2022 को मुख्तार को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में पांच वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। फिर 15 दिसंबर, 2022 को उसे गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 वर्ष के कारावास की सजा और 29 अप्रैल, 2023 को गाजीपुर में ही दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 वर्ष कारावास की सजा हुई थी। मुख्तार को पांच जून, 2023 काे पहली बार हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वाराणसी के बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इसके बाद मुख्तार को 27 अक्टूबर, 2023 को गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के ही मामले में 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी। इंटर स्टेट गैंग 191 का सरगना मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में निरुद्ध है। मुख्तार के विरुद्ध दिल्ली में भी मुकदमे दर्ज हैं।

सहयोगियों के विरुद्ध दर्ज कराए गए 160 मुकदमे

स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि शासन तथा डीजीपी मुख्यालय स्तर से चिन्हित मुख्तार अंसारी समेत 68 माफिया के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई व कोर्ट में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराई जा रही है। आपरेशन कन्विक्शन के तहत की जा रही पैरवी का ही परिणाम है कि 15 माह में मुख्तार अंसारी को सातवें मुकदमे में सजा सुनिश्चित कराई गई है।

अब तक मुख्तार गिरोह के 292 सहयोगियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध 160 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। गिरोह के 175 शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त कराए गए हैं। जबकि मुख्तार गिरोह के पांच सक्रिय सदस्य पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं। गिराेह के 164 सदस्यों के विरुद्ध गैंगस्टर व तथा छह के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई है।

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605 करोड़ की संपत्ति जब्त व ध्वस्त

स्पेशल डीजी के अनुसार मुख्तार अंसारी व उसके गिरोह की अब तक 605 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त व ध्वस्त कराई गई है। इनमें लगभग 318 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। जबकि 287 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति ध्वस्त व अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई है। गिरोह के 215 करोड़ रुपये के अवैध कारोबार को बंद कराया गया है।

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