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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना बनी गरीब की बेटी का संबल, योगी सरकार 100 दिनों में करा चुकी 1500 जोड़ों का विवाह

CM Marriage Scheme मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ ने ऐसी गरीब माता-पिता की बेटियों की शादी का जिम्मा अपनी सरकार पर डाल दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में दो लाख से अधिक कन्याओं का विवाह मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत संपन्न हो चुका है।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Thu, 07 Jul 2022 05:17 PM (IST)
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CM Marriage Scheme: सामूहिक विवाह योजना के तहत यूपी में दो लाख से अधिक बेटियों का विवाह करा चुकी सरकार।

Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana: लखनऊ, जेएनएन। बेटी का विवाह किसी भी अभिभावक के जीवन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। अगर बेटी गरीब की है तब तो उसके लिए यह जिम्मेदारी पहाड़ का बोझ उठाने जैसा होता है। ऐसे अधिकांश मामलों में बेटी के बाप का कर्जदार होना आम बात है। कभी-कभी तो घर का गहना, गुरिया और जमीन बेचने या बंधक करने की नौबत आ जाती है। लेकिन, अब ऐसा नहीं है।

मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ ने ऐसी गरीब माता-पिता की बेटियों की शादी का जिम्मा अपनी सरकार पर डाल दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में दो लाख से अधिक कन्याओं का विवाह मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत संपन्न हो चुका है।

सामूहिक विवाह का आयोजन भव्य हो इसके लिए इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी मेजबान की भूमिका में नव दम्पत्तियों को आशीर्वाद देने के लिए मौजूद रहते हैं। इनके सहयोग से अधिकांश जगहों पर सहभोज का भी आयोजन होता है। यह सिलसिला जारी है। हाल ही में इस योजना के तहत गोरखपुर में 400 बेटियों के हाथ पीले कराए गए। योगी सरकार 2.0 के 100 दिन के कार्यकाल में 14085 जोड़ों के सामूहिक विवाह कराए जा चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि 2017 में पहली बार सरकार बनाने के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत कराई थी। इस योजना का उद्देश्‍य शादियों में अनावश्‍यक प्रदर्शन और फिजूलखर्ची को खत्‍म करने के साथ ही गरीब परिवारों की बेटियों के ऐसे विवाह की व्‍यवस्‍था करना है जिसमें जिले के वीआईपी जुटे हों। इस क्रम में अब तक 1085 जोड़ों का विवाह और 2.82 लाख जोड़ों का विवाह का अनुदान दिया जा चुका है। यह सिलसिला जारी रहे इसके लिए बजट में 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे में मददगार बनी यह योजना : यह योजना बाल विवाह रोकने में मददगार हो रही है। बेटी की शादी के बोझ से निश्चिंत होने के बाद आम तौर पर उसके अभिभावक उसकी पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहे हैं। इस तरह इससे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का भी नारा साकार हो रहा है।

बेटियों के खाते में जाते हैं 35 हजार : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रति लाभार्थी 51 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं, जिसमें 35 हजार लाभार्थी कन्या के खाते में, 10 हजार का सामान और 6 हजार रुपये प्रति लाभार्थी आयोजन पर खर्च होता है। सामान में वर और वधु के वस्त्र, साफा, चुनरी, चांदी की पायल-बिछिया, टिन का बक्सा, बर्तन, प्रेशर कुकर जैसी रोजमर्रा की गृहस्थी के सामान भी दिए जाते हैं।

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