National Doctor Day: डॉक्टर्स डे पर मिलिए उन चिकित्सकों से जो सेवा के साथ अपने हुनर को भी रखते हैं जिंदा
National Doctor Day आज देशभर में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस यानी नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है। यह खास दिन प्रसिद्ध चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय को समर्पित है जिनका जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार के पटना में हुआ था। हमारे समाज में चिकित्सकों को धरती का भगवान कहा जाता है क्योंकि वह गंभीर बीमारियों का इलाज जीवनदान देने में भूमिका निभाते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 01 Jul 2023 03:17 PM (IST)
लखनऊ, रामांशी मिश्रा। प्रतिवर्ष एक जुलाई को डा. बिधान चंद्र राय की जन्मतिथि पर चिकित्सा क्षेत्र में डॉक्टरों के अमूल्य योगदान को याद करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस के रूप में मनाया जाता है। डा. बिधान चंद्र राय समाजसेवी चिकित्सक होने के साथ पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी थे।
हमारे समाज में चिकित्सकों को धरती का भगवान कहा जाता है, क्योंकि वह गंभीर बीमारियों का इलाज जीवनदान देने में भूमिका निभाते हैं। राजधानी के भी विभिन्न अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में कई ऐसे चिकित्सक हैं जो मरीजों को इलाज कर दुरुस्त तो करते ही हैं पर साथ ही अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने और अपनी प्रतिभा को निखारने मैं भी पीछे नहीं हटते। तो आइए मिलवाते हैं कुछ ऐसे ही बेहतरीन डॉक्टरों से...
डा. भव्या नैथानी दुबे
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डा. भव्या हिंदुस्तानी क्लासिकल शास्त्रीय संगीत की विधा में गायन का हुनर रखती हैं। डा. भव्या ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के संगीत विभाग में कार्यरत रहे बनारस घराने से पंडित विद्याधर मिश्रा से लगातार चार वर्षों तक हिंदुस्तानी क्लासिकल की दीक्षा ली है। इसके अलावा प्रयागराज संगीत समिति की ओर से आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में द्रुपद श्रेणी में वह सम्मानित भी हो चुकी हैं। केजीएमयू के कुलगीत के संगीत निर्माण और गाने का श्रेय भी डा. भव्या को ही जाता है।डा. अमिय अग्रवाल
केजीएमयू के दंत संकाय में ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में कार्यरत डा. अमिय अग्रवाल लोगों के जबड़े तो दुरुस्त करते ही हैं। पर साथ ही अपनी लेखनी से पाठकों को आकर्षित करने में भी पीछे नहीं है। डा. अमिय कविताएं लिखते हैं। बीते दिनों केजीएमयू ने अपने कुल गीत को लिखने के लिए प्रतियोगिता की गई जिसमें राष्ट्रीय स्तर के निर्णायक मंडल ने उनके कुलगीत को संस्थान के लिए चुना। डा. अमिय अन्य अपनी इस उपलब्धि पर गर्व करते हैं।
डा. राजा रुपाणी
केजीएमयू के किसी आयोजन में यदि आप देवानंद, अमोल पालेकर, अमिताभ बच्चन, राजकुमार की आवाज सुने तो अंदाजा लगा लीजिएगा कि वहां के एक प्रोफेसर हैं। फॉरेंसिक मेडिसिन में एडिशनल प्रो. राजा रुपाणी अपने कालेज के दिनों 1987 से ही अभिनेताओं की आवाज के मिमिक्री करने के साथ किशोर, रफी, मन्ना डे, हेमंत कुमार जैसे दिग्गजों की आवाज में गायन का भी हुनर रखते हैं।केजीएमयू के हर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उन्हें सुने बिना छात्र हटते नहीं है तो वहीं, संस्थान से परे राष्ट्रीय पुस्तक मेला समेत कई अन्य कार्यक्रमों में भी वह अपने हुनर का परिचय दे चुके हैं। उनकी प्रतिभा को पहचान कर ही केजीएमयू प्रशासन ने उन्हें यूनिवर्सिटी कल्चरल बोर्ड और म्यूजिक सोसाइटी का सदस्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का ऑर्गेनाइजिंग मेंबर नियुक्त किया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।