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UP Weather: सरयू की बाढ़ में बहा राष्ट्रीय राजमार्ग-31, बलिया-छपरा का संपर्क टूटा

उत्‍तर प्रदेश में अचानक से बारिश कम होने के बावजूद नदियों का बढ़ते जलस्‍तर ने लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है। बुधवार को आधी रात के बाद करीब डेढ़ बजे बलिया में राष्ट्रीय राजमार्ग-31 बैरिया के चांददियर और मांझी के बीच सौ मीटर से अधिक टूटकर बह गया। जिलाधिकारी ने एसपी विक्रांत वीर के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 20 Sep 2024 07:43 AM (IST)
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बलिया: दुबहर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव ओझवलिया से पलायन करते पीड़ित। जागरण
 जागरण टीम लखनऊ। प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों (अपस्ट्रीम) में जहां गंगा-यमुना सहित रामगंगा का जलस्तर उफान पर है, वहीं निचले क्षेत्र (डाउनस्ट्रीम) में पहुंचते-पहुंचते इनका जलस्तर घटने लगा है, लेकिन बलिया में गुरुवार को सरयू ने जबर्दस्त कटान कर मुश्किल पैदा कर दी।

बुधवार को आधी रात के बाद करीब डेढ़ बजे बलिया में राष्ट्रीय राजमार्ग-31 बैरिया के चांददियर और मांझी के बीच सौ मीटर से अधिक टूटकर बह गया। इससे उप्र-बिहार को जोड़ने वाले बलिया से छपरा का संपर्क टूट गया। राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर किलोमीटर 101 व 102 के बीच चांददियर पुलिस चौकी से करीब 500 मीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग सौ मीटर हिस्सा सरयू के प्रवाह में बह गया।

बलिया के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकी के साथ ही 80 नावें लगाई गई हैं। रात से ही एनडीआरएफ की चार टीमें लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्य में जुटी हैं। गांव के सभी लोग सुरक्षित हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी शरणालय एवं भोजन आदि की व्यवस्था की गई है।

जिलाधिकारी ने एसपी विक्रांत वीर के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बताया कि शुक्रवार शाम तक यातायात बहाल कर दिया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि हर घर नल जल योजना के तहत पाइप बिछाने के लिए सड़क की पटरी खोद दी गई है। साथ ही ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के कारण पेड़ भी काट दिए गए हैं। सड़क कमजोर हो जाने के कारण पानी का दबाव पड़ने पर बह गई।

उधर, प्रयागराज में गंगा और यमुना का जल स्तर अब तेजी से घट रहा है। वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर घट रहा है। सरयू नदी का पानी बलिया, मऊ और आजमगढ़ में घटने लगा है। हालांकि तीनों ही जिलों में नदी खतरा बिंदु से ऊपर बह रही है। गुरुवार को नेपाल के तीन बैराजों से 2,62,041 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

गुरुवार को बुलंदशहर में नरौरा बांध से 1,15,180 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। अभी गंगा फर्रुखाबाद व फतेहपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण रामगंगा का जलस्तर भी 20 सेमी बढ़कर खतरे के निशान 137.30 मीटर पर पहुंच गया।

कन्नौज में लगातार जलस्तर बढ़ने से गंगा खतरे के निशान से महज सात सेमी दूर है जबकि उन्नाव में आठ सेमी दूर रह गई। संभल जिले में पिछले 24 घंटे में 110.6 मिमी बरसात हुई है। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक 64 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। मुरादाबाद, रामपुर और अलीगढ़ में हल्की बूंदाबांदी हुई, लेकिन प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में वर्षा नहीं हुई।

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