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Nazul Property Bill: यूपी में नजूल संपत्ति विधेयक विधान परिषद में अटका, भाजपा ने विपक्ष से छीना मुद्दा

विधानसभा से कड़े विरोध और हंगामे के बीच पारित उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक 2024 गुरुवार को उच्च सदन विधान परिषद में अटक गया। विधेयक के नफे-नुकसान का आकलन करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व एमएलसी भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने स्वयं नजूल संपत्ति विधेय को प्रवर समिति के सुपुर्द करने की मांग कर दी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 02 Aug 2024 07:30 AM (IST)
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11 विधेयक ध्वनिमत से महज 15 मिनट में पारित हो गए।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधानसभा से बुधवार को कड़े विरोध और हंगामे के बीच पारित उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक, 2024 गुरुवार को उच्च सदन विधान परिषद में अटक गया। 

पक्ष-विपक्ष के विरोध और विधेयक के नफे-नुकसान का आकलन करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व एमएलसी भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने स्वयं नजूल संपत्ति विधेय को प्रवर समिति के सुपुर्द करने की मांग की। 

चौधरी की मांग पर सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने संशोधन के साथ विधानसभा से पारित नजूल संपत्ति विधेयक को सदन की प्रवर समिति के सुपुर्द कर दिया। विधान परिषद में गुरुवार को नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने विधानसभा से पारित 12 विधेयक रखे, इनमें 11 ध्वनिमत से महज 15 मिनट में पारित हो गए।

विधानसभा में हुआ था हंगामा

विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष की मांग पर सरकार नजूल जमीन के उन पट्टाधारकों की 30 वर्ष के नवीनीकरण के लिए सहमत हो गई थी, जिन्होंने शर्तों का उल्लंघन नहीं किया था और संशोधन के साथ यह विधेयक पारित हो गया था। हालांकि, इस दौरान काफी हंगामा भी हुआ था। 

बता दें कि विकास व सार्वजनिक कार्यों में नजूल भूमि का उपयोग किए जाने के लिए सरकार यह विधेयक लाई थी। सरकार ने स्पष्ट किया था कि नजूल भूमि का पूर्ण स्वामित्व निजी व्यक्ति या संस्था को नहीं मिलेगा। कोर्ट या प्राधिकारी के समक्ष लंबित आवेदन अस्वीकृत समझे जाएंगे। 

वहीं, जिस नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड कराने के लिए रकम जमा की गई है, उसे भारतीय स्टेट बैंक ब्याज दर पर वापस किया जाएगा। लीज की अवधि समाप्त होने की की तिथि के बाद जितने दिन उस पर पट्टाधारी काबिज रहेगा, जिलाधिकारी को उसका किराया वसूलने का अधिकार होगा। 

नजूल भूमि पर यदि कोई निर्माण होगा तो उस पर मुआवजा दिए जाने की और पट्टाधारक को अपना पक्ष रखने का अवसर देने की बात भी सरकार ने कही थी। 

हालांकि, एक दिन बाद नजूल भूमि से उपजे विरोध को देखते हुए सत्ताधारी दल के प्रदेश अध्यक्ष ने स्वयं आगे आकर उच्च सदन में इस विधेयक को प्रवर समिति के सुपुर्द किए जाने की मांग कर और विपक्ष से इसका राजनीतिक लाभ लेने का मौका छीन लिया।

विधान परिषद में ध्वनि मत से पारित हुए ये विधेयक

  • उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2024
  • उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) विधेयक, 2024
  • उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन) विधेयक, 2024
  • उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024
  • उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2024
  • उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र और अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण विधेयक, 2024
  • उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2024
  • उत्तर प्रदेश नोडल विनिधान रीजन विनिर्माण (निर्माण) क्षेत्र विधेयक, 2024
  • बोनस संदाय (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024
  • कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024
  • उत्तर प्रदेश विनियोग (2024-2025 का अनुपूरक) विधेयक, 2024
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