नए CDS अनिल चौहान ने लखनऊ में संभाली थी गोरखा रेजीमेंट की विरासत, जनरल बिपिन रावत ने सौंपी थी कमान
लखनऊ में कमांडेंट कर्नल आफ द रेजीमेंट बन तय किया सीडीएस तक सफर। दो साल 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर के कमांडेंट थे ले. जनरल अनिल चौहान। 12 नवंबर 2019 को लखनऊ में जनरल बिपिन रावत से संभाली थी कर्नल आफ रेजीमेंट की कमान।
By Nishant YadavEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 29 Sep 2022 06:39 AM (IST)
लखनऊ, [निशांत यादव]। यह एक संयोग ही है कि देश के दो सीडीएस की कर्मभूमि लखनऊ ही बनी। देश के पहले सीडीएस और उस समय सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत लखनऊ में 12 नवंबर 2019 को गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर के हीरक जयंती समारोह में लखनऊ आए और यहीं पर उन्होंने तत्कालीन पूर्वी कमान सेनाध्यक्ष ले. जनरल अनिल चौहान को कर्नल आफ द रेजीमेंट की कमान सौंपी थी।
इस कमान को सौंपने के दो महीने बाद एक जनवरी 2020 को तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस बने। उनकी मृत्यु के बाद ले. जनरल (अवकाशप्राप्त) अनिल चौहान को बुधवार को देश का अगला सीडीएस बनाने की घोषणा की गई। ले. जनरल चौहान लखनऊ में गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर के दो साल तक कमांडेंट भी रह चुके हैं।
जवानों की ट्रेनिंग को बनाया आधुनिकले. जनरल अनिल चौहान ने वर्ष 2010 से 2011 तक 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर की कमान संभाली थी। उस समय वह ब्रिगेडियर थे। कमांडेंट रहते हुए ले. जनरल चौहान 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर के जवानों की ट्रेनिंग को आधुनिक बनाया। स्कूली बच्चे सेना के जवानों की वीरता को जान सके इसके लिए एक दिन सेना के साथ कार्यक्रम की भी शुरुआत की। इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चे एक दिन के लिए 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर जाकर वहां की ट्रेनिंग को देखते थे।
हीरक जयंती पर आए थेले. जनरल चौहान पूर्वी कमान के सेनाध्यक्ष रहते हुए 10 से 12 नवंबर 2019 तक तीन दिनों तक हीरक जयंती के अवसर पर पुर्नमिलन समारोह में शामिल हुए थे। समारोह में तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ गोरखा राइफल्स के भारत और नेपाल से आए 150 सैन्य अधिकारी, 1500 जूनियर कमीशंड अधिकारी और जवान भी शामिल हुए थे। इस साल सेवानिवृत्ति से पहले तक वह लखनऊ स्थित 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर के कर्नल आफ द रेजीमेंट रहे।
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