New Criminal Laws: यूपी के इस जिले में दर्ज हुआ नए कानून के तहत राज्य का पहला मुकदमा, पहले दिन 255 एफआईआर
देश में पहली जुलाई से तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो गए है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी इनके तहत कार्रवाई की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार राज्य में नए कानून के तहत पहला मुकदमा गोंडा जिले में दर्ज हुआ है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के तहत यूपी पुलिस ने भी अपनी कार्रवाई के कदम बढ़ा दिए हैं। गोंडा की देहात कोतवाली क्षेत्र में रविवार देर रात डेढ़ बजे हुई घटना नए कानून के तहत पहले मुकदमे का आधार बनी।
यह है पहला मामला
गोंडा के ग्राम भगहर बुलंद में ठाकुर प्रसाद के घर घुसे दो युवकों पर चोरी का आरोप है। महिला की पायल चोरी कर भागने के दौरान दोनों पकड़े गए थे। ग्रामीणों ने उन्हें पीटकर पुलिस के हवाले कर दिया।
सोमवार सुबह 5:36 बजे पुलिस ने नए कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया। यह नए कानून के तहत प्रदेश में दर्ज की गई पहली एफआईआर है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा (331(4), 305 (ए) व 317 (2)) के तहत दर्ज मुकदमे के तहत दोनों आरोपितों साकिर व रियाजुद्दीन को गिरफ्तार किया।
चोरी के लिए धारा 305 (ए), 317 (2)) चुराई गई संपत्ति व 331(4) घर में घुसने के तहत लगाई गई है। पुराने कानून में चोरी के लिए धारा 380 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता था।
प्रदेश में 255 एफआईआर व 28 एनसीआर
डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार, गोंडा में पहली एफआईआर के बाद दूसरा मुकदमा अमरोहा के थाना रहरा में सुबह 9:51 बजे दर्ज हुआ। यहां खेत में लगे बिजली के तार से फैले करंट की चपेट में आकर बुजुर्ग की मौत की घटना में पड़ोसी किसान के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (लापरवाही से ऐसा कोई कार्य करना, जिससे दूसरे की मृत्यु हो जाए) के तहत मुकदमा दर्ज किया। बरेली के बारादरी थाने में सुबह 10:17 बजे तीसरा मुकदमा लिखा गया है।
वहीं, बांदा के बबेरू थाने में पहली एनसीआर (असंज्ञेय अपराध की सूचना रिपोर्ट) दर्ज की गई है। पहले दिन रात आठ बजे तक 255 एफआईआर व 28 एनसीआर दर्ज की गईं।
पुलिस को दिया जा रहा विशेष प्रशिक्षण
डीजीपी का कहना है कि नए कानूनों को लागू करने के लिए यूपी पुलिस के अधिकारियों व कर्मियों का विशेष प्रशिक्षण सुनिश्चित कराया गया है। पुलिस को तकनीकी संसाधनों से भी लैस किया गया है।
नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर यह सुनिश्चित कराया जा रहा है कि नए कानून के तहत कार्रवाई में कहीं कोई तकनीकी बाधा न आए। तकनीकी विंग ने सभी थानों पर आवश्यक नेटवर्किंग व सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराए हैं। यूपी पुलिस लोगों को वीडियो के जरिये भी जागरूक कर रही है।
सबसे ज्यादा मुकदमे होते हैं दर्ज
सर्वाधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में हर वर्ष सबसे अधिक मुकदमे भी दर्ज होते हैं। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट इसकी साक्षी रही है, जबकि महिलाओं व बच्चों साथ होने वाले अपराधों में दोषियों को सजा दिलाने के मामले में यूपी पुलिस देश में अव्वल रही है।
नए कानूनों में भी महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में बेहद कठोर प्रविधान हैं। विवेचना में फारेंसिक साक्ष्यों के महत्व को बढ़ाया गया है। ऐसे में उप्र पुलिस के सामने ऐसे अपराधों में दोषियों को सजा सुनिश्चित कराने के अपने रिकार्ड को कायम रखने की भी बड़ी चुनौती होगी।
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