UP News: बुंदेलखंड को यूपी सरकार ने दी सौगात, बांदा में 20 हजार लीटर क्षमता का खुलेगा डेरी प्लांट
बुंदेलखंड के बांदा में 20 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का नया डेरी प्लांट स्थापित होगा। वहीं झांसी में स्थित 10 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता के डेरी प्लांट को उच्चीकृत कर 30 हजार लीटर प्रतिदिन करने का निर्णय लिया गया है। इन दोनों कार्यों के लिए इंडियन डेरी मशीनरी कंपनी लिमिटेड गुजरात (आईडीएमसीएल) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के बांदा में 20 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का नया डेरी प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। बुंदेलखंड पैकेज के तहत सरकार यह प्लांट स्थापित करेगी। सोमवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से दुग्ध विकास विभाग के इस प्रस्ताव को स्वीकृत प्रदान कर दी गई।
वहीं, झांसी में स्थित 10 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता के डेरी प्लांट को उच्चीकृत कर 30 हजार लीटर प्रतिदिन करने का निर्णय लिया गया है। इन दोनों कार्यों के लिए इंडियन डेरी मशीनरी कंपनी लिमिटेड, गुजरात (आईडीएमसीएल) को कार्यदायी संस्था नामित करने पर भी कैबिनेट ने अपनी सहमति दे दी है।
पंचायतों में वेतन देने का रास्ता साफ, 100 करोड़ रुपये हो सकेंगे खर्च
पंचायतों में कार्मिकों के वेतन व मानदेय देने का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश सरकार ने राज्य वित्त आयोग से मिली धनराशि में से अवशेष करीब 100 करोड़ रुपये की धनराशि वेतन व अन्य प्रशासनिक मदों में खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी है। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये पंचायती राज विभाग के इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है। राज्य वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि का 10 प्रतिशत हिस्सा पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय व बैठक भत्तों में खर्च होता है। इसमें से 100 करोड़ रुपये बच गए थे, किंतु इसे किसी दूसरे मद में खर्च नहीं किया जा सकता था। अब सरकार ने इस धनराशि को कार्मिकों के वेतन, मानदेय व अन्य तकनीकी एवं प्रशासनिक मदों में खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
अब इमारती पत्थरों के लिए भी होगा ई-टेंडर
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने बालू व मौरंग के बाद अब इमारती पत्थर जैसे सैंड स्टोन, ग्रेनाइट, सिलिका सैंड आदि के खनन क्षेत्रों के लिए ई-टेंडर करने का निर्णय लिया है। सोमवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसके साथ ही ई-निविदा सह ई-नीलामी प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार के इस्पात मंत्रालय के अधीन मिनी रत्न श्रेणी के उपक्रम एमएसटीसी लिमिटेड को नोडल एजेंसी/सेवा प्रदाता नामित किया गया है।
एक्स-रे टेक्नीशियनों को राहत
प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में तैनात एक्स-रे टेक्नीशियनों को राहत देते इनकी वेतन विसंगति दूर करने का निर्णय लिया है। इन्हें चिकित्सा संस्थानों के बराबर अब वेतन-भत्ते दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश एक्स-रे प्रविधिज्ञ (प्रथम संशोधन), नियमावली 2024 को स्वीकृति दे दी गई है। वहीं, वित्त वेतन समिति (2016) की संस्तुतियों पर मुख्य सचिव समिति की संस्तुतियों को भी सरकार ने हरी झंडी दे दी है।