अब लखनऊ में ऑनलाइन लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको 5 सेकंड तक मुस्कुराना होगा और पलक झपकानी होगी। यह बदलाव फर्जी फोटो के जरिए डीएल बनवाने की घटनाओं को रोकने के लिए किया गया है। परिवहन विभाग और एनआईसी वेबसाइट में बदलाव किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य करने पर भी विचार किया जा रहा है।
जागरण संवददाता, लखनऊ। घर बैठे आनलाइन लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने के लिए आवेदक को पांच सेकेंड तक मुस्कुराना और पलक भी झपकाना होगा। आवेदन प्रक्रिया के दौरान स्टेच्यू (मूर्ति) की तरह बैठे रहने पर डीएल प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। यह बदलाव इसीलिए किया गया, ताकि कोई फोटो के सहारे डीएल न बनवा सके, परिवहन विभाग व एनआइसी वेबसाइट में बदलाव कर रहा है।
राजधानी के मोहिबुल्लापुर नायक नगर निवासी रामकुमार वर्मा का निधन करीब आठ माह पहले हो चुका है। उनके आधार कार्ड का उपयोग करके लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बना। लाइसेंस का एप्लीकेशन नंबर 2882643324 व लाइसेंस संख्या यूपी 32/0050786/2024 है। लाइसेंस की पांच अगस्त 2024 से चार फरवरी 2025 तक वैधता है।
लर्निंग डीएल के लिए टेस्ट देने का भी नियम
सारथी पोर्टल पर सेंध लगाकर डीएल बनने को परिवहन विभाग ने गंभीरता से लिया, इसके लिए अफसरों कमेटी का गठन किया गया। पोर्टल पर लर्निंग डीएल बनवाने के दौरान टेस्ट देने का भी नियम है। अभी तक यह माना जाता था कि डीएल बनवाने के दौरान आप हिले-डुले या इधर-उधर देखा तो सेशन कैंसिल हो जाता था और लोगों को डीएल के लिए दोबारा आवेदन व आर्थिक नुकसान भी होता था।
वेबसाइट में बदलाव किए जा रहे हैं, एनआइसी को निर्देश दिया गया है कि ऐसा प्रविधान करें ताकि आवेदक के जीवित होने का प्रमाण मिल सके। लाइसेंस बनवाने में बायोमीट्रिक अनिवार्य करने पर मंथन हो रहा है। - सुनीता वर्मा, अपर आयुक्त आइटी
जालसाजों ने बनवा लिया था मृतक का डीएल
जालसाजों ने स्टेच्यू की तरह बैठने का लाभ लिया और मृतक का डीएल बनवाने में कामयाब हो गए। एआरटीओ हिमांशु जैन कहते हैं कि पोर्टल पर बदलाव एनआइसी ही कर सकता है, अधिकारियों से अनुरोध किया गया था कि प्रक्रिया ऐसी करें ताकि टेस्ट दे रहा व्यक्ति जीवित दिखे। अब आवेदकों का कहना है कि डीएल बनवाने के दौरान लिखकर आता है कि पांच सेकेंड तक मुस्कुराइए ... फिर पलक झपकाइए आदि।
अपर आयुक्त आइटी सुनीता वर्मा का कहना है कि वेबसाइट में बदलाव किए जा रहे हैं, एनआइसी को निर्देश दिया गया है कि ऐसा प्रविधान करें ताकि आवेदक के जीवित होने का प्रमाण मिल सके। लाइसेंस बनवाने में बायोमीट्रिक अनिवार्य करने पर मंथन हो रहा है।
ये भी पढ़ें - अटकलों के बीच सपा के फूलपुर प्रत्याशी ने दाखिल किया नामांकन, अब रहेंगी कांग्रेस के कदम पर निगाहें
'जब बोलना नहीं आता तो क्यों बोलते हो', गुटबाजी पर विधायकों से अखिलेश नाराज; कहा- मैंने वीडियो देखा है…
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।