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यूपी में शिक्षकों के लिए आया नया फरमान, रोज BEO को भेजना होगा ये फोटो; अध्यापक बोले- विभाग ने स्कूलों को...

यूपी में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के लिए नया आदेश जारी हुआ है। इसके तहत प्रधानाध्यापक समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं प्रतिदिन प्रार्थना सभा में स्वयं के साथ पूरे प्रार्थना सभा का फोटो लेकर अपने खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को भेजेंगे। शिक्षकों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि रोज ऐसे आदेश जारी कर विभाग ने स्कूलों को प्रयोगशाला बना दिया है।

By Anand Mishra Edited By: Aysha Sheikh Published: Fri, 28 Jun 2024 01:49 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2024 01:49 PM (IST)
शिक्षकों को नया आदेश, रोज प्रार्थना के समय की फोटो बीईओ को भेजें - शिक्षक की प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के लिए नया आदेश जारी किया गया है। इसके तहत प्रधानाध्यापक समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं प्रतिदिन प्रार्थना सभा में स्वयं के साथ पूरे प्रार्थना सभा का फोटो लेकर अपने खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को भेजेंगे। गुरुवार को स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा की ओर से प्रधानाध्यापकों व अध्यापकों के कार्य एवं दायित्वों को लेकर जारी आदेश को लेकर शिक्षकों में उबाल है।

शिक्षकों ने इसे उनकी विश्वसनीयता का गला घोटे जाने की संज्ञा दी है। साथ ही कहा है कि रोज ऐसे आदेश जारी कर विभाग ने स्कूलों को प्रयोगशाला बना दिया है। कई शिक्षकों का तो कहना है कि जितना शिक्षकों पर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है, अगर इतना ही प्रयास स्कूल शिक्षा महानिदेशालय, निदेशालय के साथ बीएसए व बीईओ के दफ्तरों भी लगाया जाता तो समझते कि विभाग सभी के लिए समान भाव से कार्य कर रहा है।

उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भड़के

उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने एक बयान जारी कर कहा है कि प्रार्थना सभा का शिक्षकों व बच्चों का फोटो मांगना समझ से परे है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में इस आदेश का विरोध किया जाएगा। कोई शिक्षक सेल्फी नहीं भेजेगा। ये उनके निजता का सवाल हैं। रोज-रोज नया आदेश निर्गत कर बेसिक शिक्षा के विद्यालयों को प्रयोगशाला बना दिया गया है।

वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा है कि प्रार्थना के समय अध्यापकों की ग्रुप फोटो रोज-रोज लेना और उसे आगे भेजना, बहुत ही अव्यवहारिक आदेश है। जब बायोमेट्रिक उपस्थिति होने वाली है तो, ऐसे किसी आदेश से समाज में विद्यालय की गलत छवि बनेगी। महानिदेशक द्वारा जारी 32 बिंदुओं के इस आदेश में ज्यादातर पुराने निर्देशों को ही दोहराया गया है।

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