यूपी में अब शिक्षकों का नहीं चलेगा बहाना… हर हाल में स्कूल पड़ेगा आना, सरकारी स्कूलों में लागू हुआ नया नियम
UP News - उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षक टैबलेट पर चेहरा दिखाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इसके लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। हालांकि यह नियम आने वाली 15 तारीख से लागू होना था लेकिन नए आदेशों के अनुसार सोमवार यानी 8 जुलाई से इस आदेश का पालन कराया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक अब सोमवार से ही टैबलेट पर चेहरा दिखाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। फेस रिकग्निशन सिस्टम की मदद से वह विद्यालय खुलने और विद्यालय बंद होने पर अपनी हाजिरी लगाएंगे। उन्हें प्रतिदिन दो बार इसे लगाना अनिवार्य होगा।
पहले यह व्यवस्था 15 जुलाई से लागू किए जाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। शिक्षक संगठनों को लामबंद होता देख अब इसे पहले ही लागू किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
महानिदेशक ने जारी किया आदेश
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर व छात्र उपस्थिति रजिस्टर सहित 14 रजिस्टर डिजिटल कर दिए गए हैं। ऐसे में अब शिक्षकों की कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी।जियो मैपिंग पर उठाए सवाल
उधर, शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं कि वह इसे नहीं लगाएंगे क्योंकि समस्याएं बहुत हैं। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि कई स्कूलों की जियो मैपिंग ऐसी की गई है कि शिक्षक स्कूल में है लेकिन टैबलेट के माध्यम से उपस्थिति रजिस्टर खोलने पर वह कई किलोमीटर दूर बताया जा रहा है।
फिर प्रेरणा पोर्टल पर अभी तक फेस रिकग्निशन सिस्टम का लिंक भी नहीं भेजा गया है। दरअसल, शिक्षक संगठन लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में वह विरोध न कर सकें, इसलिए दबाव बनाने को स्कूली शिक्षा महानिदेशालय इसे पहले से लागू कराने पर अड़ गया है।
मांगें नहीं हुई हैं पूरी
शिक्षकों का कहना है कि उनके देर से विद्यालय पहुंचने में अर्द्ध अवकाश की सुविधा, तीन बार लगातार देर से आने पर एक आकस्मिक अवकाश लेने की सुविधा व अर्जित अवकाश दिए जाने संबंधित मांगें पूरी किए बिना ही इसे लागू कराया जा रहा है।
दूरदराज के स्कूलों में बारिश के मौसम में शिक्षक खासकर महिला शिक्षकों को कहीं पेड़ गिरने और कहीं जल जमाव होने के कारण कठिनाई होती है। ऐसे में देर से पहुंचने पर वेतन काटा गया तो विरोध होगा।यह भी पढ़ें: 'भोले बाबा' पर रामदास अठावले ने दिया बड़ा बयान, सरकार से कर दी ये मांग, कहा- चाहे कुर्क करनी पड़े बाबा की संपत्ति
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