उत्तर प्रदेश में वक्फ की नई नीति को मंजूरी, सुन्नी-शिया बोर्ड में होगी समानता… कैबिनेट मीटिंग में बदले कई नियम
उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए नई नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया निर्धारित की गई है और मुतवल्ली बनने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष निर्धारित की गई है। इसके अलावा वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों से जुर्माना वसूलने की व्यवस्था भी की गई है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। वक्फ संपत्तियों को लेकर चल रहे विवादों के निस्तारण में तेजी, संपत्तियों के पारदर्शी आवंटन व विभिन्न मामलों में अस्पष्टता की स्थिति को दूर करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने वक्फ की नई नीति को मंजूरी दे दी है।
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड व उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया निर्धारित किए जाने से लेकर दोनों बोर्ड में एकरूपता के लिए कई नियम तय किए गए हैं।
मुतवल्ली बनने की न्यूनतम आयु बढ़ाई गई
नियमावली के अनुसार, अब 25 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति मुतवल्ली नहीं बन सकेगा। अब तक मुतवल्ली बनने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष थी। दोनों बोर्डों की वार्षिक रिपोर्ट भी तैयार होगी।वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर उससे मुनाफा कमाने वालों या फिर उसे नुकसान पहुंचाने वालों से जुर्माना भी वसूलने की व्यवस्था होगी। बोर्डों की वार्षिक रिपोर्ट विधान मंडल में भी रखी जाएगी।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अधिकार व कर्तव्य भी निर्धारित
वक्फ अधिनियम 1995 के तहत उप्र शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड व उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के संचालन की प्रक्रिया में कई कमियां थीं। अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया का उल्लेख भी नहीं था। वक्फ बोर्ड के निर्वाचन की विस्तृत प्रक्रिया के साथ ही चुनाव परिणाम घोषित किए जाने की व्यवस्था की गई है। औकाफ के सर्वेक्षण के बाद आयुक्त की रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के नियम भी तय किए गए हैं।
वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की सेवा शर्तें, अधिकार व कर्तव्य भी निर्धारित कर दिए गए हैं। अब औकाफ का बजट भी निर्धारित होगा। वक्फ अधिनियम का उल्लंघन करने पर अब अंतरित संपत्ति की वसूली भी की जा सकेगी।
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