Move to Jagran APP

Railway News: अगले साल जनता एक्सप्रेस सहित इन ट्रेनों में भी LHB कोच, रेलवे ने तैयार की कायाकल्‍प की योजना

Railway News एलएचबी रैक लगने के बाद जनता एक्सप्रेस और बेगमपुरा एक्सप्रेस सहित इन आधा दर्जन ट्रेनों में 10 प्रतिशत सीटें बढ़ जाएंगी। वहीं एसी थर्ड इकोनोमी की बोगी लगने के बाद यात्रियों का एसी का सफर भी पहले से सस्ता होगा।

By Vikas MishraEdited By: Published: Tue, 01 Nov 2022 12:42 PM (IST)Updated: Tue, 01 Nov 2022 12:42 PM (IST)
Railway News: उत्तर रेलवे मंडल प्रशासन ने एलएचबी के रैक का प्रस्ताव भेजा है

Railway News: लखनऊ, जागरण संवाददाता। वर्षों पुरानी बोगियों के सहारे दौड़ रही वाराणसी-देहरादून जनता एक्सप्रेस सहित उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की छह जोड़ी ट्रेनों का कायाकल्प करने की तैयारी है। इनकी जगह नई लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) बोगियां लगायी जाएंगी।

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने आधा दर्जन ट्रेनों की पुरानी कनवेंशनल बोगियों को एलएचबी में बदलने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। रेलवे बोर्ड ने भी रेल कोच फैक्ट्री से नए रैक उपलब्ध कराने के लिए डिमांड लेटर जारी कर दिया है। अब रैक का उत्पादन होते ही उसका आवंटन उत्तर रेलवे जोन को किया जाएगा। जोनल आवंटन के बाद लखनऊ की इन ट्रेनों के रैक बदले जाएंगे। 

इन ट्रेनों का होगा कायाकल्पः उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में वाराणसी-देहरादून जनता एक्सप्रेस, वाराणसी-जम्मूतवी बेगमपुरा एक्सप्रेस, वाराणसी-बरेली एक्सप्रेस, चंडीगढ़ एक्सप्रेस सहित आधा दर्जन ट्रेनों में कनवेंशनल कोच ही दौड़ रहे हैं। पुराने हो रही इन बोगियों की अधिकतम गति सीमा 110 किलोमीटर प्रतिघंटा ही है। जबकि एलएचबी तकनीक वाली बोगियां 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ती हैं।

पुरानी बोगियों में आए दिन कई गड़बड़ी भी आती है। अक्सर जनता एक्सप्रेस में एसी फेल होने की शिकायतें रेल यात्री करते हैं। इसे देखते हुए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने छह जोड़ी ट्रेनों में एलएचबी रैक लगाने का प्रस्ताव बनाया है। डीआरएम एसके सपरा की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में इन ट्रेनों के लिए नए रैक की मांग की गई है।

बढ़ेंगी सीटेंः एलएचबी रैक लगने के बाद जनता एक्सप्रेस और बेगमपुरा एक्सप्रेस सहित इन आधा दर्जन ट्रेनों में 10 प्रतिशत सीटें बढ़ जाएंगी। वहीं एसी थर्ड इकोनोमी की बोगी लगने के बाद यात्रियों का एसी का सफर भी पहले से सस्ता होगा। जबकि ट्रेनों की अधिकतम गति 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ सकती है। इससे लंबी दूरी की ट्रेनों का समय भी बचेगा।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.