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UP News: अनाथालय से 9 बालिकाएं गायब, डीएम ने किया दौरा; जारी कर दिए शिफ्टिंग के निर्देश

उत्तर प्रदेश के एक अनाथालय से 9 बालिकाओं के लापता होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। डीएम ने अनाथालय का दौरा किया और जांच के आदेश दिए। बालिकाओं को सुरक्षा की दृष्टि से राजकीय बाल गृह में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्था को वृद्धाश्रम के रूप में संचालित किया जाएगा ।

By Rajeev Bajpai Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 18 Oct 2024 09:17 PM (IST)
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अनाथालय से 9 बालिकाएं गायब - प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। श्रीराम औद्योगिक अनाथालय अलीगंज से नौ बालिकाओं के फरार होने के बाद से प्रशासन हरकत में आया है। शुक्रवार को डीएम सूर्यपाल गंगवार ने अनाथालय को दौरा किया। डीएम ने घटना की जांच का आदेश देते हुए वहां से बालिकाओं और बच्चों का दूसरी जगह पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। यह भी तय हुआ कि ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्था को वृद्वाश्रम के रूप में संचालित किया जाएगा।

आश्रय गृह विकसित करने का प्रस्ताव तैयार कर संबंधित विभाग को भेजा जाएग। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार के साथ निदेशक महिला कल्याण और जिला प्रोबेशन अधिकारी ने भी निरीक्षण किया। डीएम ने बताया कि संस्था में कुल 40 बालिकाएं व दो नवजात शिशु बाल कल्याण समिति के आदेश से यहां रह रहे हैं।

जिलाधिकारी ने ट्रस्ट के प्रबंधन समिति की आपातकालीन बैठक में अनाथालय में आवासित बालिकाओं को सुरक्षा की दृष्टि से राजकीय बाल गृह (बालिका) में आवासित करने के लिए बाल कल्याण समिति लखनऊ को आदेश दिया। जिला प्रोबेशन अधिकारी बालिकाओं को पुलिस अभिरक्षा में राजकीय बाल गृह (बालिका) पारा लखनऊ में तत्काल आवासित कराने हेतु निर्देशित किया और घटना घटना की जांच के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश दिए।

बालिका के अपहरण व दुष्कर्म में पांच को सजा

हरदोई : अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार सिंंह ने बालिका के अपहरण एवं दुष्कर्म से संबंधित मुकदमे में एक महिला सहित पांच लोगों को अर्थदंड के साथ अलग-अलग अवधि के लिए कारावास की सजा सुनाई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमलेंद्र सिंह के अनुसार वादिनी की 15 वर्षीय पुत्री का उसके रिश्तेदार राजेश और बिस्सू उर्फ दीपक ने 16 मार्च 2010 की रात आठ बजे अपहरण कर लिया था।

घटना की रिपोर्ट थाने पर दर्ज कराने का प्रयास किया गया, लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। न्यायालय के आदेश पर 13 सितंबर 2010 को रिपोर्ट दर्ज की गई। बालिका की बरामदगी तीन वर्ष चार माह बाद हो पाई थी।

दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने मकरंद व अहिवरन को दोष मुक्त कर दिया, जबकि बिस्सू उर्फ दीपक पुत्र रामचंद्र, पिंटू निवासी शाहाबाद को दस-दस वर्ष की कैद व दस-दस हजार रुपये का जुर्माना, राजेश कुमार पुत्र हीरालाल व विद्यासागर पुत्र छक्के उर्फ भगवानदास को चार-चार वर्ष की कैद व पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना, गीता को दिव्यांग महिला होने के आधार पर रियायत देते हुए तीन वर्ष की कैद व पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

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