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पांचवीं बरसी पर निर्भया के गांव पहुंची 'निर्भया ज्योति यात्रा'

महिला सम्मान व सुरक्षा को लेकर 17 दिसंबर से लखनऊ से शुरू हुई निर्भया ज्योति यात्रा निर्भया के गांव मेड़वरा कला पहुंची। यहां पर निर्भया की मां आशा सिंह ने उनका अभिवादन किया।

By Ashish MishraEdited By: Updated: Fri, 29 Dec 2017 01:31 PM (IST)
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पांचवीं बरसी पर निर्भया के गांव पहुंची 'निर्भया ज्योति यात्रा'
बलिया (जेएनएन)। नई दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया कांड पीडि़ता की पांचवीं बरसी शुक्रवार को है। बलिया में मेड़वरा कला की रहने वाली निर्भया घटना के कई दिनों बाद तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ती रही, लेकिन 29 दिसंबर को सिंगापुर के अस्पताल में उसकी सांसें थम गईं। उसकी बरसी के मौके पर एक बार फिर उसके गांव, जिले को बिटिया की याद सताने लगी है। गुरुवार को गांववालों ने कहा कि उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

महिला सम्मान व सुरक्षा को लेकर 17 दिसंबर से लखनऊ से शुरू हुई निर्भया ज्योति यात्रा गुरुवार की शाम निर्भया के गांव मेड़वरा कला पहुंची। पूजा विश्वकर्मा के नेतृत्व में निर्भया ज्योति यात्रा के गांव में पहुंचने पर निर्भया की मां आशा सिंह सहित सभी ग्रामीणों ने उनका अभिवादन किया। टीम में शामिल लड़कियों ने महिला सम्मान व इसकी सुरक्षा को लेकर आवाज बुलंद की। वहीं निर्भया ज्योति यात्रा का स्वागत करने के दौरान निर्भया की मां की आंखों से आंसू निकल पड़े। यह देख वहां मौजूद अन्य लोगों की आंखें भी नम हो गईं। लोगों ने उन्हें ढांढस बंधाया।

डीएम-एसपी ने किया स्वागत : जिले में निर्भया ज्योति यात्रा का स्वागत जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम व पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने किया। अपने कैंप कार्यालय पर जिलाधिकारी ने इस यात्रा में आई बेटियों का स्वागत किया। जिलाधिकारी ने सभी का उत्साहवर्धन करते हुए इस यात्रा को बेटियों को जागरूक करने व निर्भीक बनाने के लिए बेहतरीन पहल बताया। पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने भी सभी लड़कियों की सराहना करते हुए कहा कि इससे बेटियों के अंदर से असुरक्षा की भावना खत्म होगी। यह यात्रा महिला हिंसा रोकने का संदेश देते हुए लखनऊ से रायबरेली, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, भदोही, वराणसी, गाजीपुर, मऊ होते हुए बलिया पहुंची है।

महिलाओं पर दोष मढऩा हो बंद : रेड ब्रिगेड की पूजा विश्वकर्मा ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली किसी भी तरह की घटना के बाद हमेशा महिलाओं पर दोष मढ़ा जाता है। उनसे तरह-तरह के सवाल किए जाते हैं। इस भावना ने महिलाओं को असुरक्षित कर दिया है। अब जरूरी है कि इसे तोड़ा जाए। निर्भया और रागिनी के साथ हुई घटनाएं दिल दहला देती हैं। ऐसे में महिलाओं को जागरुक करने के लिए यह यात्रा निकाली गई।

बेटी के सपनों को करुंगी पूरा : बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए मैं पूरा प्रयास करुंगी। उसके नाम पर बने ट्रस्ट से जुड़कर महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम किया जाएगा। बेटी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। लेकिन उसके दुनिया से जाने की कसक कभी नहीं मिटेगी।
-आशा सिंह, निर्भया की मां 

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