UP Health News: कफ सिरप कोरेक्स में नहीं मिली कोडीन, प्रतिबंधित श्रेणी से बाहर कर बिक्री पर पाबंदियां खत्म
UP News यूपी में कोरेक्स कफ सिरप पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाए जाने के आदेश जारी कर दिए गए गए हैं। अब इस सिरप की कितनी भी बोतल कोई व्यक्ति खरीद सकेगा। थोक विक्रेताओं पर प्रतिदिन सिर्फ 100 बोतल ही बेचने के प्रतिबंध को भी हटा लिया गया है।
By JagranEdited By: Umesh TiwariUpdated: Fri, 30 Sep 2022 07:42 AM (IST)
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Health News UP खांसी आने पर पिए जाने वाले कफ सिरप कोरेक्स (Corex Syrup) में कोडीन (Codeine) नहीं पाई गई है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में इस कफ सिरप की बिक्री को लेकर बीते महीने लगाए गए तमाम तरह की पाबंदियां हटा ली गई हैं। अभी तक एक व्यक्ति दिन भर में कोरेक्स सिरप की 100 या 50 मिली ग्राम (एमएल) की एक बोतल ही खरीद सकता था। यह माना गया था कि इसका प्रयोग नशा करने में किया जा रहा है। अब ऐसा नहीं है। अब इसे नारकोटिक्स औषधि की श्रेणी में न मानते हुए इसकी बिक्री पर लगाई गई पाबंदियां हटा ली गई हैं।
फुटकर और थोक खरीदारी पर प्रतिबंध खत्म
उत्तर प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर एके जैन की ओर से कोरेक्स कफ सिरप पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब इस सिरप की कितनी भी बोतल कोई व्यक्ति खरीद सकेगा। वहीं, थोक विक्रेताओं पर प्रतिदिन सिर्फ 100 बोतल ही बेचने के प्रतिबंध को भी हटा लिया गया है। सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर मेडिकल स्टोर पर छापामार अभियान चलाकर की जा रही जांच और रजिस्टर पर सिरप की बोतल खरीदने वालों के नाम व मोबाइल नंबर दर्ज कराने की व्यवस्था भी खत्म कर दी गई है।
पिछले महीने लगाई थी पाबंदियां
मालूम हो कि बीते 15 अगस्त, 2022 को कोरेक्स सिरप को कोडीन से बनी और नारकोटिक्स औषधि मानते हुए पाबंदियां लगाई गई थीं। दरअसल कोडीन खांसी से राहत देने वाली दवाओं में पाया जाने वाला घटक है। इसे हल्के नारकोटिक के तौर पर भी जाना जाता है। इसे अकेले या अन्य दवाओं के साथ मिलाकर भी दिया जाता है। शरीर में पहुंचने पर लिवर एक एंजाइम की मदद से इसे मार्फीन में तब्दील कर देता है। डाक्टर के परामर्श पर ही इसे तय मात्रा में लिया जाना चाहिए, लेकिन तमाम लोग इसका प्रयोग नशा करने में कर रहे हैं।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।