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UP News: राज्य के बाहर से पशु खरीदने पर अब नहीं कराना होगा ट्रांजिट बीमा, अनिवार्यता को किया गया समाप्त

राज्य के बाहर से पशु खरीदने पर अब पशुपालकों को ट्रांजिट बीमा नहीं कराना होगा। मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना के तहत इस अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है । नन्द बाबा दुग्ध मिशन की स्टेट स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है । बैठक में अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को भी मंजूरी दी गई है ।

By Anand Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 03 Oct 2024 08:02 PM (IST)
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राज्य के बाहर से पशु खरीदने पर अब नहीं कराना होगा ट्रांजिट बीमा - प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना के तहत राज्य के बाहर से पशु खरीदने पर अब पशुपालकों को ट्रांजिट बीमा नहीं करना होगा। गुरुवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई नन्द बाबा दुग्ध मिशन की स्टेट स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में ट्रांजिट बीमे की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।

बैठक में नन्द बाबा दुग्ध मिशन के संचालन के लिए 74.21 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को अनुमोदन प्रदान करने के साथ ही 10 स्वदेशी उन्नत नस्ल के गौवंश की 294 इकाई स्थापित करने के महत्वपूर्ण निर्णय पर सहमति बनीं। इस योजना पर 17.30 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

पोर्टल एक माह के भीतर तैयार करने के निर्देश

मुख्य सचिव ने लाभार्थियों के आवेदन प्राप्त करने के लिए नन्द बाबा दुग्ध मिशन का पोर्टल एक माह के भीतर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना व नन्दिनी कृषक समृद्धि मिनी योजना के तहत लाभार्थियों के आवेदन प्राप्त करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया जाएं।

मिशन की योजनाओं के तहत चयनित लाभार्थियों को एक माह के भीतर गौवंश का क्रय कराने करना होगा। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में विभागीय अधिकारी नहीं हैं, वहां योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना को द्वितीय चरण में शेष बचे सभी 57 जनपदों में लागू करने का निर्णय लिया गया। प्रथम चरण में गत वित्तीय वर्ष 18 मंडल मुख्यालय के जिलों इसे लागू किया गया था। वहीं, नन्दिनी कृषक समृद्धि मिनी योजना के संचालन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

यह स्वदेशी नस्ल के 10 गायों की योजना है, जिसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। योजना के तहत साहीवाल, गिर व थारपारकर प्रजाति के गौवंश का प्रदेश के बाहर से क्रय करने की व्यवस्था है। परियोजना की इकाई लागत 23.60 लाख रुपये प्रस्तावित है।

इकाई लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दो किस्तों लाभार्थी को दिया जाएगा। जिला स्तर पर लाभार्थियों का चयन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा किया जाएगा। बैठक में प्रमुख सचिव दुग्ध विकास के रवींद्र नायक, ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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