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World Cancer Day: धूम्रपान न करने वालों को भी लंग कैंसर का खतरा, ये हैं लक्षण और बचाव के उपाय

धूम्रपान करने वाले तो लंग कैंसर की चपेट में आते ही हैं धूम्रपान न करने वाले भी फेफड़े के कैंसर का शिकार हो रहे हैं। लक्षण नजर आने पर छाती का सीटी स्कैन और ब्रोंकोस्कापी करवाएं। लक्षण बढ़ने पर बायोप्सी के द्वारा कैंसर की पुष्टि की जा सकती है।

By Vikas MishraEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 11:38 AM (IST)
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World Cancer Day: लंग कैंसर से दुनिया भर में हर तीन मिनट में एक व्यक्ति की मृत्यु हो रही है।
World Cancer Day: लखनऊ, जागरण संवाददाता। लंग कैंसर यानी फेफड़ों के कैंसर से दुनिया भर में हर तीन मिनट में एक व्यक्ति की मृत्यु हो रही है। इस कैंसर की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रत्येक पंद्रह में से एक व्यक्ति इस गंभीर बीमारी की चपेट में है। यानी हर पंद्रह में से एक व्यक्ति पर लंग कैंसर की तलवार लटक रही है। इस खतरनाक बीमारी से बचने और उसकी चपेट में आने के बाद भी उससे बचने के प्रति जागरूकता का प्रसार करने के लिए हर साल एक अगस्त को विश्व लंग कैंसर दिवस मनाया जाता है।

डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के सर्जिकल आंकोलाजी विभाग के प्रोफेसर आशीष सिंघल के अनुसार, दुनियाभर में लंग कैंसर के बढ़ते मामले खतरे की घंटी बजा रहे हैं। दुनिया भर में स्तन, प्रोस्टेट और कोलोरेक्टल यानी बड़ी आंत का कैंसर मिलाकर जितने मरीजों की जान जाती है, उतनी जिंदगियां लंग कैंसर अकेले लील जाता है।

धूमपान और प्रदूषण को इसके लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार माना जाता है। इसमें भी करीब 80 से 90 प्रतिशत मामले सक्रिय धूम्रपान यानी एक्टिव स्मोकिंग से और 10 से 15 प्रतिशत अप्रत्यक्ष धूमपान के कारण होते हैं यानी धूम्रपान करने वाले के साथ उनके आसपास रहने वाले भी लंग कैंसर का शिकार हो रहे हैं। अमूमन पुरुष लंग कैंसर की चपेट में जल्दी आते हैं, लेकिन महिलाओं में बढ़ती धूम्रपान की लत से उनमें भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। लंग कैंसर को ब्रोंकोजेनिक कैंसर भी कहा जाता है। हालांकि, 20 फीसद ऐसे लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, जो धूम्रपान नहीं करते। 

लक्षण

  • कफ के साथ खांसी
  • कफ में खून
  • बेचैनी
  • आवाज में बदलाव
  • गले में सूजन
  • हड्डियों में दर्द
  • सिरदर्द
इलाजः लक्षण नजर आने पर छाती का एक्सरे या की सीटी स्कैन और ब्रोंकोस्कापी करवाई जा सकती है। लक्षण बढ़ने पर बायोप्सी के द्वारा कैंसर की पुष्टि की जा सकती है। इम्यूनोथेरेपी और कीमोथेरेपी के द्वारा काफी हद तक लंग कैंसर का इलाज संभव है। शुरुआती बीमारी के इलाज से 70 प्रतिशत मामलों में व्यक्ति पांच वर्ष तक जीवित रह सकता है।

ऐसे करें बचाव

  • नशे से दूर रहें
  • खाना बनाने के लिए चूल्हे के बजाय एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल करें
  • घर में वेंटीलेशन यानी हवा और सूरज की रोशनी आने की जगह रखें
  • संतुलित और शुद्ध फल और सब्जियों को खानपान में शामिल करें
  • लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ से चिकित्सकीय परामर्श लें
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