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लखनऊ में उत्तर भारत का पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक, छह विभागों के विशेषज्ञ मिलकर करेंगे इलाज

संजय गांधी पीजीआइ में उत्तर भारत के पहले ट्रांसजेंडर क्लीनिक की शुरुआत हुई है। क्लीनिक में ओपीडी प्रत्येक शुक्रवार को चलेगी। इसके अलावा छह बेड का एक वार्ड भी तैयार किया गया है। ऐसे में ट्रांस स्वास्थ्य क्लीनिक एक एकीकृत सेवा वितरण केंद्र (इंटीगेटेड सर्विस डिलिवरी सेंटर) के रूप में ट्रांस जेंडर (किन्नर) की स्वास्थ्य और गैर-स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करेगा।

By Vikash Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 19 Jul 2024 08:51 PM (IST)
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एसजीपीजीआइ में उत्तर भारत का पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक - प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। संजय गांधी पीजीआइ में शुक्रवार को उत्तर भारत के पहले ट्रांसजेंडर क्लीनिक की शुरुआत हुई। क्लीनिक के नोडल अधिकारी एवं एंडोक्राइन विभाग के प्रमुख प्रो. सुशील गुप्ता ने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज में स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने में चुनौती का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ट्रांस स्वास्थ्य क्लीनिक एक एकीकृत सेवा वितरण केंद्र (इंटीगेटेड सर्विस डिलिवरी सेंटर) के रूप में ट्रांस जेंडर (किन्नर) की स्वास्थ्य और गैर-स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करेगा।

प्रो. गुप्ता के मुताबिक, क्लीनिक में मल्टी स्पेशियलिटी सेवाएं और व्यापक देखभाल की सुविधा होगी। इसमें हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, रिडक्शन मैमोप्लास्टी, जननांग पुनर्निर्माण सर्जरी, परामर्श, मनोरोग सहायता और त्वचा रोग की सेवाएं मिलेंगी। इसके लिए छह विभागों के विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी।

उन्होंने बताया कि क्लीनिक में प्लास्टिक सर्जरी और बर्न विभाग के प्रमुख प्रो. राजीव अग्रवाल, यूरोलाजी और रीनल ट्रांसप्लांटेशन विभाग के प्रमुख प्रो. एमएस अंसारी, मनोरोग विभाग से डा. रोमिल सैनी, त्वचा और यौन रोग विभाग से डा. अजित कुमार और माइक्रोबायोलाजी विभाग की प्रमुख प्रो. रुंगमेई एसके मराक जिम्मेदारी निभाएंगी।

छह बेड का एक वार्ड भी तैयार

ओपीडी प्रत्येक शुक्रवार को चलेगी। इसके अलावा छह बेड का एक वार्ड भी तैयार किया गया है। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं सलाहकार, ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड यूपी देविका देवेंद्र एस. मंगलामुखी ने कहा, समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके कल्याण को सुनिश्चित कराया जा रहा है।

इस मौके पर मौजूद संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने कहा कि इस इकाई की स्थापना से समुदाय के सभी सदस्यों को गरिमा और सम्मान के साथ स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी। ट्रांसजेंडर के देखभाल के लिए कई तरह के काम करने की जरूरत है, जो यहां पूरी होगी। इस मौके पर सीएमएस प्रो. संजय धीराज, एमएस प्रो. प्रीति डी., एंडोक्राइनोलाजिस्ट प्रो. सुभाष यादव भी मौजूद रहे। भारत में लगभग पांच लाख ट्रांसजेंडर हैं।

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