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राहुल गांधी को कटघरे में लाएगा यूपी की कोर्ट का ये नोटिस, भारत जोड़ो यात्रा से है कनेक्शन; सुनवाई की तारीख तय

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मुकदमे का नोटिस उनकी परेशानी बढ़ा सकता है। इस मामले से जुड़ी एक याचिका को स्वीकार करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने सांसद राहुल गांधी को नोटिस भेजा है। साथ ही मामले को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 30 Sep 2023 11:58 PM (IST)
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राहुल गांधी को कटघरे में ले आएगा कोर्ट का यह नोटिस।
विधि संवाददाता, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मुकदमे का नोटिस उनकी परेशानी बढ़ा सकता है। इस मामले से जुड़ी एक याचिका को स्वीकार करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने सांसद राहुल गांधी को नोटिस भेजा है। साथ ही मामले को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विरुद्ध दाखिल आपराधिक परिवाद को खारिज किए जाने के निचली अदालत के आदेश के विरुद्ध जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी के समक्ष आपराधिक निगरानी दायर की गई है। 

एक नवंबर को सुनवाई के लिए तारीख नियत

इस निगरानी याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने सांसद राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी गणों को नोटिस जारी करते हुए याचिका को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया और एक नवंबर को सुनवाई के लिए तारीख नियत कर दी है।

सावरकर पर अभद्र टिप्पणी का आरोप

परिवादी नृपेंद्र पाण्डेय द्वारा विपक्षी राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय के समक्ष एक परिवाद दाखिल करते हुए बताया था कि विपक्षी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महानायक क्रांतिवीर विनायक दामोदर सावरकर पर अभद्र टिप्पणी करते हुए उन्हें अंग्रेजों से पेंशन लेने वाला तथा अंग्रेजों का नौकर सहित मददगार बताया था।

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निचली अदालत ने खारिज कर दिया था आरोप

आरोप लगाया कि विपक्षी ने सोची समझी रणनीति तथा षड्यंत्र के तहत सावरकर को अपमानित करने के उद्देश्य से 17 नवंबर 2022 को अकोला महाराष्ट्र में प्रेसवार्ता कर सार्वजनिक मंच से सावरकर के विरुद्ध दोषारोपण कर समाज में वैमनस्यता फैलाने के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया था, जिसे निचली अदालत ने 14 जून 2023 को गुण-दोष के आधार पर खारिज कर दिया था।

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