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पैमाइश लटकाने के मामले में मौजूदा व पूर्व डीएम को नोटिस, सरकार ने पूछा- समीक्षा के दौरान क्यों नहीं पकड़ा

UP News - उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में जमीन की पैमाइश लटकाने के मामले में हीलाहवाली को लेकर मौजूदा और एक पूर्व जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। नियुक्ति विभाग ने दोनों अधिकारियों को नोटिस भेज दिया है। नियुक्ति विभाग ने बुधवार को ही प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए एक आईएएस अधिकारी व तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 14 Nov 2024 09:28 PM (IST)
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मुख्यमंत्री योगी ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में जमीन की पैमाइश लटकाने के मामले में की गई हीलाहवाली को लेकर और कड़ा रुख अपनाते हुए मौजूदा और एक पूर्व जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। इन दोनों आईएएस अधिकारियों से पर्यवेक्षीय शिथिलता और लापरवाही को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। नियुक्ति विभाग ने दोनों अधिकारियों को नोटिस भेज दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी में जमीन पैमाइश के मामले को छह वर्ष तक लटकाए रखने और घूस मांगने के मामले को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद नियुक्ति विभाग से पूरे मामले की जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। 

मौजूदा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल से जवाब तलब

नियुक्ति विभाग ने बुधवार को ही प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए एक आईएएस अधिकारी व तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। अब इस मामले में मौजूदा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और पूर्व जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह से जवाब तलब किया गया है।

महेंद्र बहादुर सिंह अक्टूबर 2021 से जून 2024 तक लखीमपुर खीरी में डीएम रहे और दुर्गा शक्ति नागपाल 25 जून 2024 से डीएम हैं। नियुक्ति विभाग ने इन दोनों अधिकारियों से पूछा है कि छह वर्ष से लटके पैमाइश के मामले को इन्होंने समीक्षा के दौरान क्यों नहीं देखा? 

मुख्यमंत्री का स्पष्ट आदेश है कि राजस्व के गैर-विवादित मामलों के लिए लोगों को दौड़ाया न जाए। जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे हर माह इसकी स्वयं समीक्षा करेंगे और देखेंगे कि कोई मामला बिना वजह तो नहीं लटकाया जा रहा है। सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल ने भाजपा विधायक योगेश वर्मा से मिलकर आरोप लगाया था कि वह छह वर्ष से दौड़ रहे हैं, लेकिन उनकी जमीन की पैमाइश नहीं कराई जा रही है।

जेल अधिकारियों का होगा विशेष प्रशिक्षण, बंदियों की होगी काउंसलिंग

जेलों में ओवरक्राउडिंग की समस्या के बीच बंदियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों व कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। खासकर अवसाद ग्रस्त बंदियों की मदद के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए विभिन्न संस्थाओं व विशेषज्ञों को भी जोड़ा जाएगा।

कारागार विभाग की ओर से संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ व अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) तथा इंडिया विजन फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय परामर्श कार्यक्रम में जेलों में संक्रामक रोग फैलने के खतरों से निपटने के लिए विस्तार से विमर्श हुआ। विशेषज्ञों ने कारागार विभाग के 30 अधिकारियों व चिकित्सकों को विभिन्न बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया। 

डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री ने इसी प्रकार अन्य अधिकरियों, कर्मियों व जेल अस्पताल के कर्मियों को भी विशेष प्रशिक्षण दिलाए जाने का निर्देश दिया। तिहाड़ जेल की तर्ज पर बंदियों की काउंसलिंग पर भी गहनता से विचार किया गया। 

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