Face Attendance: अब मोबाइल पर चेहरा दिखाकर उपस्थिति लगाएंगे सीएचओ, विरोध भी शुरू
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मोबाइल फोन पर चेहरा दिखाना पड़ेगा। बाहर से उपस्थिति दर्ज कराने पर उपस्थिति मान्य नहीं होगी। सभी आरोग्य मंदिरों की मैपिंग कराई गई है और उपस्थिति प्रबंधन प्रणाली (एएमएस) को मानव संपदा पोर्टल से जोड़ दिया गया है। फोटो खींचते समय पलक नहीं झपक रही है तो सिस्टम उपस्थिति दर्ज नहीं करेगा।
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को अब मोबाइल फोन पर चेहरा दिखाकर उपस्थिति लगानी होगी। फेस रिकग्निशन सिस्टम की मदद से वे अस्पताल के भीतर ही हाजिरी लगा सकेंगे। बाहर होने पर उपस्थिति दर्ज नहीं होगी।
आरोग्य मंदिरों के समय पर न खुलने या फिर कई बार बंद रहने की शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), उत्तर प्रदेश ने 20 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तैनात सीएचओ की उपस्थिति पर सख्ती शुरू कर दी है।
मिशन निदेशक पिंकी जोवल की ओर से सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस व्यवस्था को सख्ती से लागू कराएं। सभी आरोग्य मंदिरों की मैपिंग कराई गई है और उपस्थिति प्रबंधन प्रणाली (एएमएस) को मानव संपदा पोर्टल से जोड़ दिया गया है।
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इसके तहत अस्पताल परिसर के अंदर अगर चार अलग-अलग फोटो खींचते समय पलक नहीं झपक रही है तो सिस्टम उपस्थिति दर्ज नहीं करेगा। यानी हर हाल में उन्हें परिसर में सजीव चित्र खींचकर ही अपलोड करना होगा। प्रतिदिन दो बार उपस्थिति लगेगी।
अभी तक अस्पताल के 150 मीटर के दायरे में पुरानी फोटो अपलोड करने पर भी हाजिरी लग जाती थी। आरोग्य मंदिरों में 58 तरह की निश्शुल्क जांच, मुफ्त दवा व टेलीमेडिसिन की मदद से बड़े अस्पतालों के चिकित्सकों से आनलाइन परामर्श दिलाने की सुविधा दी जा रही है।
इसे भी पढ़ें-प्रयागराज से 148 अतिरिक्त ट्रिप लगाएंगी बसें, बहनें करेंगी फ्री यात्रासंयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय का कहना है कि बुधवार से इसका बहिष्कार शुरू कर दिया गया है। पहले सीएचओ को उनके गृह जनपद में तैनाती दी जाए, फिर यह व्यवस्था लागू की जाए।
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