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KGMU के कुलपति के खिलाफ शासन से दिए जांच के आदेश, 15 दिन में सामने आएगा सच

मनमानी तैनाती के लिए विज्ञापन में फेरबदल सेवानिवृत्ति कर्मियों को ओएसडी पीएस बनाना सीएम पीएम व बीपीएल फंड से लोकल पर्चेज की दवा खरीदारी में अनियमिता समेत कई शिकायतें हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Updated: Sun, 09 Feb 2020 07:54 AM (IST)
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KGMU के कुलपति के खिलाफ शासन से दिए जांच के आदेश, 15 दिन में सामने आएगा सच
लखनऊ, जेएनएन। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में सामने आई गड़बडिय़ों पर शासन सख्त हो गया है। कुलपति के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। गत वर्षों में जनप्रतिनिधियों व अन्य की ओर से की गईं एक-एक शिकायत का परीक्षण होगा। इसके लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी 15 दिन में रिपोर्ट सौंपेंगी। 

केजीएमयू कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट के अप्रैल में तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी , सामाजिक कार्यकर्ता व अन्य ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री व लोकायुक्त से कईं शिकायतें कीं। वहीं, कई चिकित्सक मनमाने फैसले व पद के दुरुपयोग के आरोप लगाकर कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। यही वजह है, अब जाकर कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट सरकार के निशाने पर आ ही गए। चार फरवरी को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने जांच संबंधी आदेश जारी कर दिए।  

जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में मंडलायुक्त को अध्यक्ष, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण को सदस्य, वित्त नियंत्रक कार्यालय महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा सदस्य होंगे। केजीएमयू के कुलसचिव आशुतोष कुमार, वित्त अधिकारी मो. जमा को संबंधित प्रकरणों पर आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

शिकायतों में हैं गंभीर आरोप 

  • उप चिकित्सा अधीक्षक पद पर मनमानी तैनाती के लिए विज्ञापन में फेरबदल करना
  • चहेते सेवानिवृत्ति कर्मियों को ओएसडी, पीएस आदि बनाकर मनमाना मानदेय देना
  • फार्मेसी पेपर लीक के आरोपी डॉक्टर को विजिलेंस ऑफीसर बनाना
  • कार्यकाल के दौरान रेजीडेंट भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होना
  • जूनियर डॉक्टरों की भर्ती में आरक्षण नियमों की अवहेलना
  • सीएम, पीएम, बीपीएल फंड के मरीजों की दवा, इंप्लांट व स्टेंट की लोकल पर्चेज खरीद में खेल
  • जननी सुरक्षा योजना व आयुष्मान भारत से लोकल पर्चेज दवा में भी गड़बड़ी 
  • ऑनलाइन रसीद में फर्जीवाड़ा कर बड़े घपले का आरोप
  • पद का दुरुपयोग कर चेहते डॉक्टरों के व्यक्तिगत मुकदमों का खर्च संस्थान से पास करना 
  • डॉक्टरों पर कार्रवाई के मनमाने फैसले लेना। उन्हीं फैसलों पर कोर्ट से हारना। इसके कारण मुकदमों पर खर्च 
क्या कहते हैं अफसर

कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट को कई बार कॉल व मैसेज किया गया। उन्होंने खुद कोई अपना पक्ष नहीं दिया। इस मामले में संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि मीडिया सेल ही कुलपति का पक्ष रखेगा। अभी जांच संबंधी कोई जानकारी कुलपति कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। जैसे ही जानकारी होती है, आगामी कार्यदिवस में उपलब्ध कराएंगे। वित्त अधिकारी मो. जमा ने कहा कि शासन का पत्र मिला है, जो भी निर्देश होंगे उसका पालन किया जाएगा। कुलसचिव कार्यालय ने भी जांच पत्र मिलने की पुष्टि की है।

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