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यूपी बोर्ड: हिंदी में लंबी गाथा लिखने से मुक्ति, अब कम शब्दों में पाएं पूरे अंक

बेहतर स्कोर में व्याकरण बनेगी मददगार। दैनिक जागरण कार्यालय में जीआइसी में हिंदी के प्रवक्ता डॉ. नित्य प्रकाश सिंह से विशेष बातचीत।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 09:15 AM (IST)
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यूपी बोर्ड: हिंदी में लंबी गाथा लिखने से मुक्ति, अब कम शब्दों में पाएं पूरे अंक

लखनऊ, जेएनएन। यूपी बोर्ड की परीक्षा में हिंदी के प्रश्नों में लंबी गाथा लिखने से मुक्ति मिलेगी। पेपर में व्याख्या संबंधी सवाल जहां अब प्रश्न आधारित हो गए हैं, वहीं निबंध की शब्द सीमा भी घटा दी गई है। ऐसे में विद्यार्थियों के पास कम शब्दों में बेहतर अंक हासिल करने का मौका होगा। बुधवार को दैनिक जागरण कार्यालय में जीआइसी में हिंदी के प्रवक्ता डॉ. नित्य प्रकाश सिंह मौजूद रहे। उन्होंने हिंदी विषय की बेहतर तैयारी के उपाय बताए।

प्रश्न : निबंध मॉडल पेपर से या क्वेश्चन बैंक से तैयार करूं। (शिवा कनौजिया, इंदिरानगर)

उत्तर : निबंध सेक्शन में बांटे गए हैं। मसलन, पर्यावरण, विज्ञान, नारी व समसामयिक आदि। इनसे जुड़े टॉपिक पर फोकस करें।

प्रश्न : हिंदी की तैयारी कैसे करें, समझ में नहीं आ रहा है। (अंकुर मौर्या, अमेठी)

उत्तर : अब एक प्रश्नपत्र हो गया है। यह दो खंडों में होगा। इस बार प्रश्नों की शब्द सीमा भी तय है। व्याकरण से स्कोरिंग कर सकते हैं।

प्रश्न : कक्षा 10 में हूं। दोहा की व्याख्या में दिक्कत आती है। (मुकेश, गोंडा)

उत्तर : दोहा को अच्छी तरह पढ़ो। उनका मूल अर्थ जानने की कोशिश करो। व्याख्या के लिए लिखित अभ्यास करो।


प्रश्न : कक्षा 10 में हूं। निबंध लेखन में क्या ध्यान रखूं। (अभय प्रताप, लखीमपुर)

उत्तर : निबंध के टॉपिक समझें। इसमें लिखने से पहले मुख्य बिंदु तय कर लें। हेडिंग डालकर हर बिंदु की 50 से 60 शब्दों में व्याख्या करें।

प्रश्न : निबंध पेज के हिसाब से लिखें या शब्दों की संख्या के अनुसार। (राममोहन, हरदोई)

उत्तर : निबंध के लिए अब शब्द सीमा तय कर दी गई है। यह हाईस्कूल व इंटर छात्रों के लिए अलग-अलग है। शब्द सीमा गत वर्ष के मुकाबले कम हो गई है।

प्रश्न : व्याकरण में धातु रूप याद नहीं हो रहे हैं। (दीप शिखा, बहराइच)

उत्तर : धातु रूप लिखकर याद करें। यह ठीक से तैयार करें, क्योंकि इनमें नंबर नहीं कटते हैं।

प्रश्न : पत्र लिखने में क्या सावधानी बरतें। (अवनीश, बाराबंकी)

उत्तर : पत्र कैसा और किसे लिखना है, यह तय होना चाहिए। कारण, आवेदन पत्र का प्रारूप, शिकायत पत्र का प्रारूप और प्रार्थना पत्र का प्रारूप अलग-अलग होता है।

प्रश्न : हिंदी की कम समय में तैयारी कैसे करूं। (नीलेश, बहराइच)

उत्तर : पाठ्यक्रम को चार हिस्सों में बांट लें। इसमें संस्कृत दिग्दर्शिका व व्याकरण का एक पार्ट रखें। जिन पाठ पर कमजोर पकड़ हो, उन पर अधिक फोकस करें।


प्रश्न : हिंदी में प्रश्न बड़े आते हैं। कम समय में कैसे हल करें। (आराध्य, सीतापुर)

उत्तर : अब बड़े प्रश्न नहीं रह गए हैं। सभी की शब्द सीमा तय है। निबंध में भी शब्दों की सीमा कम कर दी गई है। तय शब्दों में ही उत्तर लिखें।

प्रश्न : कक्षा 10 में हूं। धातु रूप-शब्द रूप याद नहीं होते हैं। (शोभनाथ, गोंडा)

उत्तर : धातु रूप और शब्द रूप कोर्स में पांच-पांच के करीब हैं। इन्हें बार-बार लिखकर याद करें। परीक्षा में भुलेंगे नहीं।


प्रश्न : हिंदी में संस्कृत दिग्दर्शिका समझ में नहीं आ रही है। (अंकुश सैनी, अयोध्या)

उत्तर : संस्कृत दिग्दर्शिका में तीन गद्य व तीन पद्य के पाठ हैं। पाठ को ठीक तरह पढ़ें। दिक्कत होने पर शिक्षक से समझें। इसमें व्याख्या नहीं आएगी। अनुवाद पर ध्यान दें।


प्रश्न : निबंध कैसे लिखें कि अच्छे अंक मिलें। (सिद्धार्थ मिश्रा, सीतापुर)

उत्तर : निबंध लिखने से पहले विषय के मुख्य बिंदु तय करें। हेडिंग डालकर उनकी व्याख्या करें। इसमें विषय कारण, समस्या और समाधान के सुझाव भी दें। प्रस्तावना अधिक लंबी न लिखें। तय शब्दों में सार समझाएं।

प्रश्न : लेखनी अच्छी नहीं है तो बेहतर अंक लाने के लिए क्या सावधानी बरतें। (अनुभव, हरदोई)

उत्तर : हैंडराइटिंग सुधारने का प्रयास करें। कॉपी में बार-बार कटिंग न करें। उत्तर लिखते वक्त प्रमुख शब्दों को अंडरलाइन करें। विराम, पूर्ण विराम आदि साइन का सही प्रयोग करें।

प्रश्न : हिंदी गद्य के प्रश्न याद नहीं होते हैं । (अंशिका अवस्थी, बहराइच)

उत्तर : हिंदी गद्य से अब पैरा आएगा। इसी से प्रश्न पूछे जाएंगे। पाठ का सही अध्यन करेंगी तो उत्तर पैरा में से आसानी से खोज लेंगी।

इन पर फोकस कर पाएं स्कोर

हिंदी का प्रश्नपत्र क और ख दो खंडों में होगा। इसमें खंड ख से व्याकरण के 27 अंक के प्रश्न होंगे। व्याकरण में नंबर पूरे मिलते हैं। ऐसे में छात्र इसे बेहतर तरीके से तैयार करें। वहीं, पत्र लेखन छह नंबर और निबंध नौ नंबर को होगा। संस्कृत दिग्दर्शिका से गद्यांश व पद्यांश का संदर्भ सहित ङ्क्षहदी में अनुवाद सात-सात नंबर का आएगा। वहीं, खंड-क से गद्यांश व पद्यांश पर आधारित 10-10 नंबर के दो प्रश्न होंगे। कुल सौ नंबर का प्रश्नपत्र होगा। 

पेपर में आए ये बदलाव

  • दो पेपर के बजाय एक पेपर 100 नंबर को होगा
  • एपीजी अब्दुल कलाम, पंडित दीनदयाल नए पाठ जुड़े
  • कक्षा दस के लिए अब निबंध सीमा 700 के बजाय 500 शब्द
  • कक्षा 12 के लिए निबंध की शब्द सीमा 900 से 600 शब्द तय
  • खंड काव्य, नाटक और कथा साहित्य 400 शब्द के बजाय 80 शब्द में लिखना होगा
  • दसवीं में हाईस्कूल के गद्य में व्याख्या प्रश्न आधारित हो गई है, वहीं पद्य में संदर्भ सहित काव्य सौंदर्यीकरण करना होगा
  • 12वीं के व्याख्या का प्रश्न गद्य-पद्य पूरी तरह बदल गया है। यह दोनों प्रश्न आधारित होंगे। पैराग्राफ से प्रश्न के उत्तर लिखने होंगे।
  • इस बार गद्य-पद्य में सूक्तियां नहीं आएंगी।

गुरु मंत्र 

  • शामिल नए पाठों को जरूर पढ़ें
  • तय शब्दों में ही उत्तर लिखें
  • व्याकरण के अंश अच्छी तरह तैयार करें
  • निबंध के कम से कम 12 बिंदु निकालकर व्याख्या करें
  • पत्र लिखते वक्त प्रारूप का ध्यान रखें
  • लेखन स्पष्ट व त्रुटिरहित हो। पूर्ण विराम, अर्ध विराम का ध्यान रखें
  • नया टॉपिक नए पैराग्राफ से लिखें 
  • हेडिंग व मुख्य वाक्यों को अंडर लाइन करें

सूचना बोर्ड का बिगुल : फोन कर समझें समाजशास्त्र, आज पूछें सवाल

दैनिक जागरण के 'बोर्ड का बिगुल' कार्यक्रम में विद्यार्थियों की समस्याओं का विषयवार समाधान जारी है। गुरुवार को कार्यालय में जीआइसी में समाजशास्त्र के प्रवक्ता रामलाल वर्मा मौजूद रहेंगे। विद्यार्थी दोपहर साढ़े तीन बजे से साढ़े चार बजे तक 0522-4234152 पर कॉल कर विषय से संबंधित सवाल पूछ सकते हैं।

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