India Food Festival in Lucknow: अब एक बार बनाएं राजमा चावल और सालभर गर्म करके खाएं, यहां पढ़ें पूरी डिटेल
India Food Festival in Lucknow एक साल तक कमरे के तापमान में इस तरह के डब्बाबंद खाने को बगैर फ्रिज के रखकर इस्तेमाल कर सकते हैं। अभी यह बाजार में खुली दुकानों पर उपलब्ध नहीं है अमेजोन से इसे आनलाइन मंगाया जा रहा है।
By Vivek RaoEdited By: Vikas MishraUpdated: Sat, 05 Nov 2022 02:30 PM (IST)
लखनऊ, [विवेक राव]। विदेशाें में ताजा खाने की जगह डब्बाबंद खाना अधिक खाया जाता है। अब अपने देश में कारपोरेट कल्चर में डब्बाबंद खाने की मांग बढ़ा दी है। विदेशों में तो लोग ब्रेड, सैंडविच आदि जैसी चीजें खाते हैं, जबकि भारत में दाल, चावल, सब्जी, छोले, राजमा, साग जैसी चीजें लोग खाने में अधिक पसंद करते हैं, यह खाना अभी तक ताजा बनाकर ही परोसा जाता है, लेकिन अब राजमा चावल, सरसों का साग, तरह तरह की सब्जियां, मिक्स वेज, वेज बिरयानी जैसी चीजें बनी बनाई डब्बे में मिलेंगी। इन्हें बस गर्म कीजिए और थाली में परोस कर खा लीजिए।
एक साल तक कमरे के तापमान में इस तरह के डब्बाबंद खाने को बगैर फ्रिज के रखकर इस्तेमाल कर सकते हैं। अभी यह बाजार में खुली दुकानों पर उपलब्ध नहीं है, अमेजोन से इसे आनलाइन मंगाया जा रहा है। इस तरह का डब्बाबंद खाना ग्रेटर नोएडा के उद्यमी राजीव सिंह ने तैयार किया है। लखनऊ में दो नवंबर से चार नवंबर तक लगे इंडिया फूड एक्सपो में उनके उत्पाद की खूब चर्चा रही, देखने वाले इस बात से हैरत में रहे कि दाल चावल बनाकर भी एक साल तक खाया जा सकता है।
राजीव सूद पहले विदेश में रहते थे। 30 साल वहां नौकरी की। विदेश में अपने यहां की तरह सुबह या रात में रसोई में पूरा खाना पकाकर नहीं खाया जाता है। वहां हर दिन डब्बाबंद खाना खाया जाता है। अपने देश में जिस खाने को रसोई में तैयार किया जाता है, उस तरह का खाना डब्बाबंद में बनाने के लिए राजीव ने एक साल तक रिसर्च किया। फिर उन्होंने रेडीमेड खाना तैयार करने में सफलता हासिल की है।
न फ्रीज की जरूरत, न कोई प्रिजएटिव का इस्तेमालः राजीव ने कोशी हांडी के नाम से अपना उद्यम उतारा है। इसमें किसी भी खाने में प्रिजएटिव का इस्तेमाल नहीं किया गया है। बगैर किसी केमिकल के गर्म खाने को विशेष स्टेटलाइजर मशीन के साथ पैक किया गया है। इसकी पैकिंग में जिस डब्बे का इस्तेमाल किया गया है, उसमें गर्म खाने को तैयार कर फिर ठंडा करके पैक किया जाता है।
पैकिंग के समय में डब्बे से हवा निकाल दिया जाता है, साथ ही खाने को खराब करने वाले हर तरह के जीवाणु को भी साफ कर सीलबंद किया जाता है। इससे खाना लंबे समय तक डंबा बंद रहते हुए खराब नहीं होता है। राजीव ने बताया कि इस खाने को केवल गर्म करके खाया जा सकता है। इसमें पोषण तत्वा पूरा होता है।
अभी नौ तरह के प्रोडक्ट तैयारः राजीव ने अभी डब्बा बंद पका हुआ जो भोजन तैयार किया है। उसमें राजमा चावल, सरसो का साग, काली दाल, छोले, लोबिया की सब्जही, मिक्स वेज, मटर पनीर, मशरूम मटर, वेज बिरयानी है। अभी वह केवल शाकाहारी खाना तैयार कर रहे हैं। जल्द ही उन्होंने मासांहारी भोजन भी डब्बा बंद रेडी टू इट बाजार में लांच करने वाले हैं।
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