Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Lucknow University News: अब परास्नातक में भी NCC की पढ़ाई, रक्षा अध्ययन विभाग ने कोर्स में किया शामिल

रक्षा अध्ययन विभाग के कोआर्डिनेटर डा. ओपी शुक्ला ने बताया कि बीए और एमए स्तर पर इस कोर्स में कई बदलाव किए गए हैं। एमए प्रथम सेमेस्टर में अंतर्राष्ट्रीय संबंध मानव अधिकार और आंतरिक कानून दूसरे सेमेस्टर में स्टडी आफ वार एनसीसी को जोड़ा है।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Fri, 26 Mar 2021 03:06 PM (IST)
Hero Image
लखनऊ विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग ने एमए के कोर्स में किया शामिल।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय के एमए रक्षा अध्ययन के छात्र-छात्राएं अब नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) की पढ़ाई भी कर सकेंगे। अभी तक बीए स्तर पर टापिक के रूप में इसका कुछ भाग पढ़ाया जाता था। नए सत्र के लिए एमए सेकेंड सेमेस्टर में इसे शामिल किया गया है। 100 अंक के इस पेपर में एनसीसी की उपयोगिता, लाभ सहित सभी जानकारियां दी जाएंगी। इसके अलावा भी कोर्स में कुछ नई चीजें शामिल की गई हैं। बीते दिनों हुई बैठक में इसे लागू करने की मंजूरी मिल चुकी है।

रक्षा अध्ययन विभाग के कोआर्डिनेटर डा. ओपी शुक्ला ने बताया कि बीए और एमए स्तर पर इस कोर्स में कई बदलाव किए गए हैं। कोर और वैल्यू एडेड कई पेपर शामिल किए गए हैं। एमए प्रथम सेमेस्टर में अंतर्राष्ट्रीय संबंध, मानव अधिकार और आंतरिक कानून, दूसरे सेमेस्टर में स्टडी आफ वार, एनसीसी को जोड़ा है।

चार क्रेडिट के होंगे पेपर : यह सभी पेपर चार-चार क्रेडिट के होंगे। आपदा प्रबंधन और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुदों को भी पढ़ाया जाएगा। चौथे सेमेस्टर में आधुनिक युद्ध में विज्ञान एवं टेक्नोलाजी की भूमिका भी बताई जाएगी। कोआर्डिनेटर ने बताया कि एमए रक्षा अध्ययन कोर्स में कुल 96 क्रेडिट होंगे। प्रत्येक सेमेस्टर में 24-24 क्रेडिट होंगे। वर्षों से जम्मू और कश्मीर का मुद्दा प्रमुखता का केंद्र रहा है। ऐसे में बीए रक्षा अध्ययन विषय में इसे शामिल किया गया है। छठे सेमेस्टर में छात्रों को जम्मू-कश्मीर के इतिहास से लेकर अब तक हुए बदलाव जैसे धारा 370 सहित सभी चीजें पढ़ाई जाएंगी। प्रथम सेमेस्टर में आधुनिक युद्ध के तरीके, इंडियन नेवी और एयर फोर्स में विस्तार, राष्ट्रीय सुरक्षा में आंतरिक एवं वाह्य चुनौती व खतरे विषय को भी शामिल किया गया है।