Move to Jagran APP

UP Land Registry: अब संपत्ति के आवंटन से लेकर रजिस्ट्री तक मिलेगी सिंगल विंडो सुविधा, कैबि‍नेट बैठक में मिली हरी झंडी

उत्‍तर प्रदेश में जमीन की रजिस्‍ट्री को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां जमीन की बिक्री करने वालों को सिंगल विंडो से काम हो जाएगा। जी हां अब सरकारी एजेंसियों से भवन भूखंड या फ्लैट खरीदने वालों को उसकी रजिस्ट्री कराने के लिए उप निबंधक कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। संपत्ति का आवंटन करने वाले कार्यालय से ही रजिस्ट्री कराना भी संभव होगा।

By Ajay Jaiswal Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 26 Jun 2024 10:31 AM (IST)
Hero Image
भूखंड या फ्लैट के आवंटियों को उसकी रजिस्ट्री कराने के लिए उप निबंधक कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद, औद्योगिक विकास प्राधिकरण आदि सरकारी एजेंसियों से भवन, भूखंड या फ्लैट खरीदने वालों को उसकी रजिस्ट्री कराने के लिए अब उप निबंधक कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

संपत्ति का आवंटन करने वाले कार्यालय से ही रजिस्ट्री कराना भी संभव होगा। पंजीकृत दस्तावेज हासिल करने के लिए भी कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वह आनलाइन ई-मेल आदि के माध्यम से आवंटी को मिल जाएंगे। आवंटियों को सिंगल विंडो सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश आनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण नियमावली-2024 को मंजूरी दी गई।

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर में मानसून की जोरदार दस्‍तक, गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश से मिली राहत

कैबिनेट द्वारा किए गए निर्णय के संबंध में स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि अभी तक संपत्तियों का आनलाइन ई-पंजीकरण जैसी सुविधा राज्य में नहीं थी। ऐसे में संपत्ति का आवंटन होने के बाद आवंटी को उसकी रजिस्ट्री कराने के लिए उप निबंधक कार्यालय का भी चक्कर लगाना पड़ता था।

कैबिनेट से आनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण नियमावली-2024 को हरी झंडी मिलने के बाद पहले चरण में विकास प्राधिकरण, परिषद, औद्योगिक प्राधिकरणों के भवन, भूखंड या फ्लैट के आवंटियों को उसकी रजिस्ट्री कराने के लिए उप निबंधक कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा।

आवंटी को संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए वहीं जाना पड़ेगा जहां से उसे आवंटन किया गया है। प्राधिकरण-परिषद प्रशासन द्वारा राजपत्रित स्तर के किसी अधिकारी को ई-पंजीकरण के लिए प्राधिकृत अधिकारी नामित किया जाएगा। प्राधिकृत अधिकारी ही संस्था (प्राधिकरण या परिषद) की ओर से विक्रेता के तौर पर दस्तावेज(लेखपत्र) पर डिजिटल हस्ताक्षर करेगा।

इसे भी पढ़ें-'कांग्रेस को जब अवसर मिला लोकतंत्र का गला घोंटा...', गोरखपुर में ऐसा क्‍यों बोल गए सीएम योगी

वही दस्तावेज के मैटर से लेकर गवाहों की पहचान के लिए उत्तरदायी होगा। आवंटन के अनुसार दस्तावेज तैयार कर उस पर प्रथम व द्वितीय पक्ष की फोटो व अंगूठे का निशान साफ्टवेयर द्वारा अपलोड किया जाएगा जो संबंधित रजिस्ट्री कार्यालय में दिखाई देगा।

रजिस्ट्री कार्यालय में पोर्टल पर प्रदर्शित संस्था व प्रथम आवंटी के मध्य निष्पादित विलेख का डिजिटल निबंधन किया जाएगा। पोर्टल से निबंधित (पंजीकृत) दस्तावेज की एक प्रति अधिकृत इलेक्ट्रानिक माध्यम या लागिन पर संबंधित संस्था को जबकि एक प्रति उप निबंधक कार्यालय में रहेगी।

जायसवाल ने बताया कि संपत्ति का पंजीकृत दस्तावेज संबंधित आवंटी के ई-मेल एवं डिजीलाकर में आनलाइन भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकारी एजेंसियों की संपत्तियों के ई-रजिस्ट्रेशन में कोई दिक्कत न आने पर दूसरे चरण में रेरा द्वारा अनुमोदित संस्थाओं की संपत्तियों के मामले में भी ई-रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।