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अब यूपी के जिलों में फर्स्ट रेफरेल यूनिट को नहीं बनाया जाएगा कोविड-19 अस्पताल

यूपी के जिन जिलों में एफआरयू को कोरोना का लेवल वन का अस्पताल बनाया गया है उनके आसपास सीएचसी व पीएचसी में एफआरयू स्थापित कर प्रसव सुविधाएं शुरू होंगी।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 27 May 2020 09:36 PM (IST)
अब यूपी के जिलों में फर्स्ट रेफरेल यूनिट को नहीं बनाया जाएगा कोविड-19 अस्पताल
लखनऊ, जेएनएन। गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं पहले की तरह फिर से मिलना शुरू होंगी। जिलों में फर्स्ट रेफरेल यूनिट (एफआरयू) को अब कोविड-19 अस्पताल नहीं बनाया जाएगा। वहीं अभी जिन जिलों में फर्स्ट रेफरेल यूनिट को कोरोना का लेवल वन का अस्पताल बनाया गया है, उनके आसपास स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में एफआरयू स्थापित कर प्रसव एवं सिजेरियन सुविधाओं का लाभ पहले की तरह ही गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को दिया जाएगा।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से सभी डीएम व सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं की पूर्व की भांति स्वास्थ्य सुविधाएं दोबारा बहाल करें। इन यूनिटों में तैनात जिन डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को अभी कोविड-19 अस्पतालों में ड्यूटी पर लगाया गया है, उन्हें तत्काल वहां से रिलीव कर तत्काल फर्स्ट रेफरेल यूनिट में भेजे। इनकी जगह दूसरे डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाएं।

नसबंदी छोड़ शुरू होंगी परिवार नियोजन सेवाएं : अस्पतालों में परिवार नियोजन से संबंधित सुविधाएं भी लोगों को दी जाएंगी। नान कोविड प्रसव इकाइयों पर गर्भनिरोधक का वितरण, अंतरा व छाया इत्यादि परिवार नियोजन से संबंधित कार्यक्रम शुरू होंगे। ऐसी फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों जिनकी ड्यूटी कोरोना प्रभावित क्षेत्र में लगी है, उनसे मात्र उस क्षेत्र में गर्भनिरोधक का वितरण शुरू किया जाएगा। ऐसी आशा वर्कर व एएनएम जिनकी ड्यूटी हॉटस्पाट के कंटेनमेंट जोन में लगी है, उन्हेंं और जो इस क्षेत्र में रहने वाली हैं उनकी ड्यूटी इस कार्य में नहीं लगाई जाएगी।

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