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अब जल्दी नहीं खराब होगा टीवी और मोबाइल के डिस्प्ले, लखनऊ में केकेसी के श‍िक्षक ने खोजा उपाय

कम और अधिक तापमान में भी वर्षों तक आसानी से कर सकेंगे काम। भौतिक विज्ञान विभाग के सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपनी शोध टीम के साथ मिलकर इसका उपाय खोजा है। उन्होंने विशिष्ट नैनो पार्टिकल को लिक्विड क्रिस्टल के साथ मिलाकर एक छोटा डिस्प्ले तैयार किया है।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Thu, 03 Feb 2022 04:23 PM (IST)
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लखनऊ में केकेसी के भौतिक विज्ञान विभाग के शिक्षक ने टीम के साथ किया शोध।
लखनऊ, [अखिल सक्सेना]। अब एलसीडी टेलीविजन, मोबाइल फोन, कंप्यूटर आदि के डिस्प्ले लंबे समय तक खराब नहीं होंगे। श्री जय नारायण मिश्र पीजी कालेज (केकेसी) के भौतिक विज्ञान विभाग के सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपनी शोध टीम के साथ मिलकर इसका उपाय खोजा है। उन्होंने विशिष्ट नैनो पार्टिकल को लिक्विड क्रिस्टल के साथ मिलाकर एक छोटा डिस्प्ले तैयार किया है, जिसके अध्ययन से पता चला है कि लंबे समय तक इस डिस्प्ले के अंदर लगे एलाइनमेंट खराब नहीं होंगे। उनका शोध एलजेवियर के जर्नल आफ मालिक्यूलर लिक्विड्स में हाल ही में प्रकाशित हुआ है।

केकेसी के भौतिक विज्ञान विभाग के सीनियर असिस्टेंट प्रो. कमल कुमार पांडेय लिक्विड क्रिस्टल की आधुनिक तकनीकों के शोध में एक्सपर्ट हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजना के तहत उन्हें मार्च, 2021 में शोध प्रोजेक्ट दिया गया था। 'टू कंट्रोल द एलाइनमेंट प्राब्लम आफ लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले इन हार्स एंबियंट कंडीशन' विषय पर आधारित इस शोध के लिए टीम में केकेसी की प्राचार्य डा. मीता साह, लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के शिक्षक प्रो. राजीव मनोहर और पोस्ट डाक्टोरल फेलो डा. बीपी सि‍ंह शामिल हैं।

ये होती है समस्या : डा. पांडेय बताते हैं कि सामान्यतया लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले का प्रयोग घरों में एलसीडी टीवी, कैलकुलेटर, मोबाइल फोन, लैपटाप, कंप्यूटर आदि में होता है। बहुत अधिक और बहुत कम तापमान पर या फिर कुछ ही वर्षों में डिस्प्ले का मालिक्यूलर एलाइनमेंट खराब हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि डिस्प्ले में अणुओं का संरेखण (मालिक्यूलर एलाइनमेंट) जिन रसायनिक और प्रकाशिक प्रक्रियाओं के माध्यम से होता है, वह सभी प्रतिकूल परिस्थितियों में खराब हो जाते हैं। इससे डिस्प्ले में बहुत सी धारियां दिखाई देने लगती हैं और पिक्चर अस्पष्ट  हो जाती है।

ऐसा किया प्रयोग : शोध टीम में शामिल शिक्षकों ने जटिल तकनीक का प्रयोग करके एक छोटी लिक्विड क्रिस्टल सेल बनाई। यह सेल लगभग एक वर्ग मिलीमीटर क्षेत्रफल की है। डा. पांडेय व रिसर्च ग्रुप ने कुछ विशिष्ट नैनो पार्टिकल्स को लिक्विड क्रिस्टल में मिलाकर अपने द्वारा तैयार की गई सेल में भरा। परीक्षण में यह डिस्प्ले बहुत लंबे समय तक चलने वाले और अधिक व कम तापमानों पर कार्य करने में सक्षम है। डा.पांडेय का कहना है कि जल्द ही हमारा शोध ग्रुप एक ऐसा डिस्प्ले बनाएगा, जो दीर्घकाल तक खराब न हो। इससे हमारे घरों में टीवी, मोबाइल फोन आदि लंबे समय तक चल सकेंगे।

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