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    UP News: कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में शामिल होंगे एआई और ड्रोन पाठ्यक्रम, इन अभ्यर्थियों को मिलेगा लाभ

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 05:00 AM (IST)

    लखनऊ में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना को आधुनिक बनाने जा रहा है। अब ओबीसी युवाओं को साइबर सुरक्षा एआई और ड्रोन तकनीक जैसे नए कोर्स कराए जाएंगे। पहले ओ लेवल और सीसीसी जैसे पारंपरिक प्रशिक्षण ही दिए जाते थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विभाग ने यह कदम उठाया है। नए पाठ्यक्रमों के लिए तैयारी चल रही है और नियमों में भी बदलाव किया जाएगा।

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    कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में शामिल होंगे एआइ और ड्रोन पाठ्यक्रम। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आर्टिफिशियल इंटेजिजेंस (एआई), ड्रोन और हाईस्पीड इंटरनेट के दौर में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग भी अपनी कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना को ‘अपग्रेड’ करने जा रहा है। फिलहाल इस योजना में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के युवक-युवतियों को 'ओ लेवल' और 'सीसीसी' जैसे पारंपरिक प्रशिक्षण ही दिए जा रहे हैं, अब इसमें साइबर सिक्योरिटी, एआई और ड्रोन तकनीक संबंधी कोर्स भी जोड़े जाएंगे। विभाग इनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और योजना की नियमावली में बदलाव की रूपरेखा तैयार कर रहा है।

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    पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने वर्ष 2014-15 में कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत एक लाख रुपये या उससे कम वार्षिक आय वाले ओबीसी परिवारों के इंटर पास बेरोजगार युवक-युवतियों को लाभांवित किया जाता है।

    योजना के तहत दो कोर्स संचालित हैं, इनमें 'ओ लेवल' कोर्स की अवधि एक वर्ष और 'सीसीसी' कोर्स की अवधि तीन माह है। 'ओ लेवल' के लिए प्रति लाभार्थी 15 हजार रुपये और 'सीसीसी' के लिए 3,500 तक की सहायता मिलती है, जो चयनित संस्थाओं को दी जाती।

    हालांकि यदि किसी लाभार्थी ने खुद शुल्क अदा किया है तो प्रमाणपत्र सत्यापन के बाद उसे भुगतान किया जाता है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को अत्याधुनिक पाठयक्रमों से जोड़ने की बात कही थी, जिसके बाद जून में पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप ने विभाग को कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में बदलाव के निर्देश दिए थे।

    वर्तमान में संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए विभाग ने 299 संस्थाओं का चयन किया गया। इनमें से 43 संस्थाएं 'सीसीसी' और 52 संस्थाएं 'ओ लेवल' का कोर्स चला रही हैं। शेष संस्थाएं दोनों कोर्स का संचालन कर रही हैं।

    नए पाठयक्रम जोड़ने के लिए इन संस्थाओं के साथ विभाग उन संस्थानों से भी संपर्क कर रहा है, जो अत्याधुनिक प्रशिक्षण दे रहे हैं। विभाग की योजना एआई, ड्रोन तकनीक और साइबर सुरक्षा जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की है। इसमें नई संस्थाओं के चयन के साथ पहले से चयनित संस्थाओं में प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित कर पाठ्यक्रम शुरू करने पर भी विचार हो रहा है।

    निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण वंदना वर्मा ने बताया कि नए कोर्स के लिए तैयारी चल रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि, उस पर आने वाले खर्च आदि बिंदुओं को देखा जा रहा है। इनको शुरू करने के लिए नियमावली में भी संशोधन किया जाएगा।

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