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    यूपी में परिवार कल्याण महानिदेशालय में खाली है अधिकारियों के ये पद, प्रभावित हो रहा काम

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 09:02 PM (IST)

    लखनऊ में परिवार कल्याण महानिदेशालय में उच्च अधिकारियों की कमी है जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है। निदेशक अपर निदेशक और संयुक्त निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अधिकतर पद खाली हैं जिससे एक ही अधिकारी को कई विभागों का काम देखना पड़ रहा है। परिवार कल्याण मातृ शिशु कल्याण और टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं। महानिदेशक ने शासन को इस स्थिति से अवगत करा दिया है।

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    परिवार कल्याण महानिदेशालय अधिकारियों की कमी से प्रभावित हो रहा काम।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिवार कल्याण महानिदेशालय में निदेशक, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक के अधिकतर पद खाली पड़े हैं। एक ही अधिकारी को कई विभागीय कार्य करने पड़ रहे हैं। खासतौर से परिवार कल्याण, मातृ शिशु कल्याण, टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम संभालने वाले अधिकारियों के पास कई अतिरिक्त जिम्मेदारियां है। इससे उन्हें मूल कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।

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    परिवार कल्याण महानिदेशालय में निदेशक के तीन पद हैं। इनमें से दो पद रिक्त हैं। निदेशक परिवार कल्याण के पद पर एक महिला अधिकारी की हाल ही में नियुक्ति हुई है। निदेशक सूचना शिक्षा प्रसार और निदेशक मातृ शिशु कल्याण का पद कई महीने से रिक्त पड़ा है।

    इन पदों पर पहले डॉ संगीता गुप्ता की नियुक्ति हुई, लेकिन कुछ माह में ही उनका तबादला निदेशक लोकबंधु अस्पताल के पद पर कर दिया गया। इसके बाद डॉ कजली गुप्ता निदेशक परिवार कल्याण के पद पर आई।

    कुछ माह बाद ही उन्हें भी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल का निदेशक बनाकर भेज दिया। डॉ दिनेश कुमार निदेशक परिवार कल्याण के पद पर तैनात किए गए, लेकिन वहां से उनका तबादला बलरामपुर अस्पताल कर दिया गया।

    इसके बाद वह परिवार कल्याण महानिदेशक बनकर वापस लौटे और सेवानिवृत्त हो गए। अब चार महीने से अधिक समय से तीनों पद रिक्त हैं।

    इसी तरह अपर निदेशक के पांच पद हैं, लेकिन इनमें से चार पद तीन साल से अधिक समय से रिक्त हैं। जो एक अपर निदेशक डा़ अजय सिंह गौतम यहां तैनात थे, उनको भी तीन महीने पहले अयोध्या तबादला किया गया है। इसके अलावा संयुक्त निदेशक के 12 पद हैं। इनमें से सात रिक्त हैं।

    सिर्फ पांच संयुक्त निदेशक ही महानिदेशालय में तैनात हैं। इनमें से भी एक संयुक्त निदेशक परिवार कल्याण अक्टूबर 2025 में 62 वर्ष पूरे होने के कारण प्रशासनिक पद से हटकर अस्पताल में चिकित्सा कार्य के लिए चले जाएंगे।

    ऐसे में सिर्फ संयुक्त निदेशक प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य, संयुक्त निदेशक मुख्यालय, संयुक्त निदेशक परिवार कल्याण, संयुक्त निदेशक टीकाकरण ही बचेंगे।

    महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ पवन कुमार अरुण का कहना है कि अधिकारियों की कमी के बारे में शासन को जानकारी दी गई है।

    निदेशक परिवार कल्याण पद पर डा़ शोभना दुबे की तैनाती हुई है। अन्य पदों पर भी जल्द ही नियुक्तियों की उम्मीद है।

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