रणजीत हत्याकांड : मोबाइल खंगालने में ATS लगी; शॉल ओढ़े CC कैमरे में दिखा संदिग्ध- पुलिस ने रखा इनाम
लखनऊ में दिनदहाड़े हिंदूवादी नेता रणजीत बच्चन की हत्या। घटनास्थल के पास लगे सीसी कैमरे में कैद हुआ एक संदिग्ध का फुटेज।
By Divyansh RastogiEdited By: Updated: Mon, 03 Feb 2020 08:31 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को दिनदहाड़े हुई हिंदूवादी नेता रणजीत हत्याकांड मामले में अब आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की भी मदद ली जा रही है। कार्यवाहक डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि रणजीत बच्चन के मोबाइल फोन व कॉल ब्योरा खंगालने में एटीएस का तकनीकी सहयोग लिया जा रहा है। कई बिंदुओं पर पुलिस पड़ताल कर रही है। लखनऊ नगर के कमिश्नर सुजीत पांडेय के निर्देशन में कई टीमें गहनता से छानबीन कर कर रही हैं।
उधर, घटनास्थल के पास लगे सीसी कैमरे में एक संदिग्ध शॉल ओढ़े दिखाई दिया है। पुलिस संदिग्ध की तलाश में लगी है। आशंका जताई जा रही है कि संदिग्ध ही मुख्य आरोपित है। वहीं, घटना का राजफाश करने के लिए आठ टीमें गठित की गई हैं, जो मृतक के आवास के आस-पास लगे 9 सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रही है।बता दें, रणजीत बच्चन रविवार सुबह पत्नी कालिंदी और मौसेरे भाई आदित्य के साथ मार्निंग वॉक पर निकले थे। हमलावर अकेले बाइक से आया था। परिवर्तन चौराहे से थोड़ी दूर ग्लोब पार्क के पास बदमाश ने रणजीत को रोक लिया। हमलावर ने असलहा तानकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। रणजीत के सिर में गोली लगी और एक गोली उसके भाई के हाथ में जाकर धंसी। रणजीत ने विश्व हिंदू महासभा के नाम से एक संगठन बनाया था और वह उसके अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
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पुलिस ने जारी किया इनाम
उधर, पुलिस कमिश्नर ने संदिग्ध की पहचान कर सूचना देने वाले को 50 हजार के इनाम की घोषणा की है। जिसके तहत मोबाइल नंबर 9454400137 और ईमेल आईडी cplkw137@gmail.com जारी किया है। साथ ही सूचना देने वाले शख्स का नाम व पहचान गोपनीय रखा जाएगा। यह भी पढ़ें : रणजीत हत्याकांड : परिचित की नौकरी के लिए जाना था नोएडा, रात को सेलिब्रेट किया जन्मदिन-सुबह हत्या
शॉल ओढ़े आदमी ने छीना मोबाइल, चलाई गोली संयुक्त पुलिस कमिश्नर नवीन अरोड़ा के मुताबिक, घायल आदित्य श्रीवास्तव ने जानकारी दी थी कि वह भाई के रणजीत के साथ मॉनिंग वॉक पर ओसीआर से निकले थे। ग्लोब पार्क के पास आगे जाते हुए, एक व्यक्ति ने उन्हें रोका। वे शॉल ओढ़े हुए था उसने उनके असलहा लगाकर मोबाइल फोन छीनने का प्रयास किया। इसी झगड़े में गोली चल गई और सीधे रणजीत के सिर में जाकर लगी। वह मौके पर गिर गया। घटना में आदित्य के हाथ पर गोली लगी और वो घायल हो गया।
मिली थी धमकी, रंजिश से इन्कारमृतक की पत्नी कालिंदी ने हत्या के पीछे हिंदू विरोधी संगठनों की संलिप्तता का आरोप लगाया है। हालांकि, उन्होंने किसी से रंजिश से इन्कार किया है। कालिंदी का कहना है कि रणजीत को फेसबुक और वाट्सऐप पर अक्सर धमकियां मिलती थीं। पहली बार टहलने का बदला था ट्रैक, हो गई हत्या
रणजीत बच्चन ने पहली बार मॉर्निंग वॉक का ट्रैक बदला था और इसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है कि आखिर रणजीत पहली बार सीडीआरआइ की ओर क्यों टहलने गए थे, जबकि वो रोज जीपीओ और नगर निगम के पार्क में टहलने जाते थे। करीबियों में छुपा है कातिलपुलिस छानबीन में यह बात सामने आई है कि रणजीत हत्याकांड को किसी करीबी ने अंजाम दिया है। उसे यह भी पता था कि रविवार को रणजीत नगर निगम या जीपीओ पार्क में टहलने नहीं जाएंगे। सटीक मुखबिरी के चलते ही कातिल वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो गया।
साथ काम करने वाले पर भी शकपुलिस को रणजीत के साथ काम करने वाले एक व्यक्ति पर भी शक है। वह शनिवार को उनके जन्मदिन की पार्टी में भी नहीं पहुंचा। पार्टी से पहले रणजीत ने अपने करीबियों के साथ हवन पूजन भी कराया था। उसमें भी वह नहीं शामिल हुआ था। डॉगी को नहीं ले गए टहलाने रणजीत अपने पालतू कुत्ते को रोज टहलाने साथ ले जाते थे, लेकिन इस बार वह रविवार सुबह डॉगी को साथ नहीं ले गए थे। सुबह उनकी कुछ लोगों से मिलने की बात हुई थी। इस दिशा में भी पुलिस छानबीन कर रही है।
यह भी पढ़ें : समाजवादी पार्टी के बाद विश्व हिंदू महासभा से जुड़े रणजीत बच्चन, साइकिलिंग का शौकचौकी इंचार्ज समेत चार पुलिसकर्मी सस्पेंड पुलिस कमिश्नर समेत बड़ी संख्या में फोर्स ने घटना स्थल का मुआयना किया। मौके से पुलिस को कुछ खोखे मिले हैं। पुलिस कमिश्नर ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में हजरतगंज कोतवाली के केडी सिंह बाबू स्टेडियम चौकी इंचार्ज संदीप तिवारी समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार पांडेय के मुताबिक, हत्या के पीछे रंजिश, लूट, पारिवारिक विवाद समेत अन्य बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है। जल्द ही वारदात का राजफाश कर दिया जाएगा।
कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ेइस दुस्साहसिक वारदात ने एक बार फिर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं। हत्याकांड के पीछे किसी कट्टरपंथी संगठन की भूमिका की आशंका भी जताई जा रही है। इससे पूर्व लखनऊ में 18 अक्टूबर 2019 को हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की उनके आवास में ही हत्या कर दी गई थी। कमलेश हत्याकांड में सूरत (गुजरात) के कट्टरपंथियों की गहरी साजिश सामने आई थी। पुलिस ने गुजरात एटीएस की मदद से अगले ही दिन सूरत में साजिशकर्ता मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (21) व रशीद अहमद खुर्शीद अहमद पठान (23) को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद घटना की कडिय़ां खुलती चली गई थीं। पुलिस ने फिर कुल 13 आरोपितों की गिरफ्तारी की थी। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि रणजीत बच्चन हत्याकांड में अब तक किसी कट्टरपंथी संगठन का कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है। पुलिस निजी विवाद समेत अन्य सभी बिंदुओं पर गहनता से छानबीन कर रही है।
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