बिजली बिल में दिक्कत हो या मीटर में... अब कार्यालयों के नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर, UPPCL ने कर दिया इंतजाम
अब उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को अपनी शिकायतों के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वे घर बैठे ही ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अलग - अलग अधिशासी अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है । 15 नवंबर से कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी लिमिटेड (केस्को ) से फेसलेस व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी ।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब बिजली उपभोक्ताओं को अपनी शिकायतों को लेकर कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। वह घर बैठे ही आनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे। तय समय में उनकी समस्याओं का तय समय में समाधान होगा।
पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए उपभोक्ताओं की आपूर्ति संबंधित, बिल संबंधित, स्मार्ट मीटर और हेल्पलाइन नंबर 1912 पर दर्ज की गई शिकायतों के निस्तारण के लिए अलग-अलग अधिशासी अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। 15 नवंबर से कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी लिमिटेड (केस्को) से फेसलेस व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी।
जल्द होगा पूरे यूपी में विस्तार
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) आगे इसका विस्तार पूरे प्रदेश में करेगा और उपभोक्ताओं को राहत मिल सकेगी। अभी विद्युत संबंधित शिकायतों को लेकर उपभोक्ताओं को दौड़ाया जाता है और भ्रष्टाचार की शिकायतें भी आती हैं।ऐसे में यह पारदर्शी व्यवस्था बनाई गई है। अभी तक एक ही अधिशासी अभियंता बिलिंग, आपूर्ति और अन्य समस्याओं का समाधान करता है, ऐसे में यह मनमाने ढंग से इसका निस्तारण करते हैं। अब इनकी मनमानी पर लगाम लगेगा।
शोषण व भ्रष्टाचार दोनों खत्म होंगे : अवधेश
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शनिवार को यूपीपीसीएल के अध्यक्ष डा. आशीष गोयल और प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से मुलाकात की। उन्होंने इस व्यवस्था को मजबूती से लागू किए जाने में यूपीपीसीएल की पूरी मदद करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस पारदर्शी व्यवस्था से उपभोक्ताओं को बहुत लाभ होगा उनका शोषण व भ्रष्टाचार दोनों खत्म होंगे।गांवों में 12 से 13 घंटे ही मिल रही बिजली सप्लाई
लखीमपुर: 132 केवी उपकेंद्रों से शेड्यूल के अनुसार तहसील मुख्यालय को 22 और ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घंटे बिजली सप्लाई की जा रही है, लेकिन यह बिजली उन तक नहीं पहुंच पा जा रही है। कारण बदहाल व्यवस्था को उसी हालत में छोड़ देना। मितौली, मैगलगंज, रेहरिया, फरधान, धौरहरा जैसे इलाकों में बिजली के लिए किसानों और ग्रामीणों के प्रदर्शन और सीएम डैशबोर्ड पर बदहाली के लिए अधिशासी अभियंताओं का वेतन बाधित होने पर भी हालात नहीं सुधर रहे हैं। गांवों में अब बिजली सप्लाई कानून-व्यवस्था के लिए भी चुनौती बनती जा रही है।
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