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UP News: बंदियों के लिए खुशखबरी, जेलों में स्थापित होंगे ओपेन जिम; स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा और बढ़ावा

कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश की सभी जेलों में बंदियों के लिए ओपन जिम स्थापित किए जाएँगे। इसके अलावा एक जेल एक उत्पाद योजना का विस्तार भी सभी जेलों में जल्द ही किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना और बंदियों के समग्र कल्याण को सुनिश्चित करना है।

By Alok Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 13 Nov 2024 09:30 PM (IST)
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बंदियों के लिए खुशखबरी, जेलों में स्थापित होंगे ओपेन जिम - प्रतीकात्मक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जेलों में बंदियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के प्रयास और तेज होंगे। कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि सभी जेलों में ओपन जिम की स्थापना की जाएगी। एक जेल एक उत्पाद योजना का विस्तार भी जल्द सभी जेलाें में होगा।

कारागार विभाग की ओर से संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ व अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) तथा इंडिया विजन फाउंडेशन के सहयोग से पहली बार आयोजित दो दिवसीय परामर्श कार्यक्रम का उद्घाटन कारागार मंत्री ने किया। एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि प्रदेश की जेलाें में उच्च कोटि की साफ-सफाई की व्यवस्था पहचान बनी है। पहले चरण में 42 जेलों में हेल्थ एटीएम की स्थापना की गई है। दूसरे चरण में जल्द शेष 34 जेलों में भी हेल्थ एटीएस स्थापित किए जाएंगे।

कार्यक्रम में जेल अधिकारियों, चिकित्सकों व विशेषज्ञों ने कारागारों में ओवरक्राउडिंग की चुनौती के साथ ही टीबी, एचआइवी व हेपेटाइटिस समेत अन्य संक्रामक रोगों के फैलने के खतरों से निपटने के उपायों पर विमर्श किया। इंडिया विजन फाउंडेशन की संस्थापक व पुडुचेरी की पूर्व उप राज्यपाल डा.किरण बेदी कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ स्वास्थ्य पर ध्यान देना नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कैदियों के समग्र कल्याण को सुनिश्चित करना है।

यूएनओडीसी के क्षेत्रीय प्रतिनिधि मार्को टेक्सिएरा ने कहा कि जेलों में स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत भलाई का मामला नहीं हैं। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य से गहराई से जुड़ा है। बंदी रिहा होने के बाद अपने परिवार व समुदाय के बीच जाते हैं।

यदि उन्हें उचित स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलती तो उनसे संक्रामक रोग फैलाने व उनके नशे का लती बने रहने का खतरा बना रहता है। यूएनओडीसी ने नेल्सन मंडेला नियमों पर आधारित पहला ई-लर्निंग कोर्स तैयार किया है, जिसके माध्यम से जेलकर्मियों व बंदियों में जागरूकता बढ़ाई जाएगी। जेलों में टूल किट भी दी जाएंगी। सांप-सीढ़ी व शतरंज जैसे खेलों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जाएगी।

जेल रेडियो का सभी कारागारों में होगा विस्तार

डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि कारागार विभाग ने विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से जेल रेडियो की शुरुआत की है। 21 कारागारों में जेल रेडियो का संचालन हो रहा है। जल्द सभी जेलों में इसका विस्तार होगा। डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से बंदियों को शैक्षिक सामग्री व प्रेरणादायक पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। जेलों में बंदियों को नर्सिंग की ट्रेनिंग देकर हेल्थ वर्कर भी तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 76 जेल क्रियाशील हैं और छह जेल निर्माणाधीन हैं।

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