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Padma Awards 2024: प्राइमरी स्कूल से SGPGI के डायरेक्‍टर तक का सफर, अब मिलेगा पद्मश्री

प्रो. धीमान का लखनऊ से गहरा नाता है। मेडिकल की यूजी पीजी व सुपर स्पेशियलिटी डिग्री राजधानी से हासिल की। वर्ष 1984 में केजीएमयू से एमबीबीएस 1987 में केजीएमयू से ही एमडी किया। पीजीआई लखनऊ से डीएम गैस्ट्रोइंट्रोलाजी की पढ़ाई पूरी की। प्रो. धीमान ने चंडीगढ़ पीजीआइ के हेपेटोलाजी विभाग के अध्यक्ष के रूप में लंबे समय तक सेवा दी।

By Vikash Mishra Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 26 Jan 2024 09:28 AM (IST)
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प्रो. आरके धीमान को पद्मश्री से क‍िया जाएगा सम्मानित।
विकास मिश्र, लखनऊ।  यूं तो प्राइमरी स्कूल के पठन-पाठन पर लोग सवाल उठाते हैं। अक्सर शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों के अभाव की दुहाई दी जाती है। लेकिन, सहारनपुर के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रो. आरके धीमान की उपलब्धि ने ऐसी सोच को पूरी तरह से गलत साबित कर दिया। वर्ष 2020 में उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में शुमार एसजीपीजीआई का निदेशक बनाया गया और अब पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। प्रो. धीमान के पास वर्ष 2021 से कल्याण सिंह कैंसर संस्थान का भी प्रभार है।

यूपी बोर्ड से की पढ़ाई

साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रो. धीमान सहारनपुर के निवासी हैं। उनके पिता शिक्षक थे। प्रो. धीमान की कक्षा पांच तक पढ़ाई मोहल्ले के प्राइमरी स्कूल से हुई। वहीं, हाईस्कूल व इंटर यूपी बोर्ड से किया। ऐसे में हिंदी मीडियम का यह छात्र मेडिकल की दुनिया में बुलंदियों पर पहुंच गया।

केजीएमयू-पीजीआई में डॉक्टरी की शिक्षा

प्रो. धीमान का लखनऊ से गहरा नाता है। मेडिकल की यूजी, पीजी व सुपर स्पेशियलिटी डिग्री राजधानी से हासिल की। वर्ष 1984 में केजीएमयू से एमबीबीएस, 1987 में केजीएमयू से ही एमडी किया। पीजीआई लखनऊ से डीएम गैस्ट्रोइंट्रोलाजी की पढ़ाई पूरी की। प्रो. धीमान ने चंडीगढ़ पीजीआइ के हेपेटोलाजी विभाग के अध्यक्ष के रूप में लंबे समय तक सेवा दी। डा. धीमान साल 1993 में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पीजीआई में नौकरी शुरू की।

हेपेटाइटिस सी को नियंत्रित करने में खास योगदान

हेपेटाइटिस सी को नियंत्रित करने और पूरे देश में इस गंभीर बीमारी के खिलाफ अभियान चलाने में प्रो. आरके धीमान को श्रेय जाता है। पंजाब में हेपेटाइटिस सी काफी तेजी से फैल रहा था। 18 जून 2016 को उन्होंने पंजाब सरकार के साथ मिलकर प्रदेश के सभी फिजीशियन को हेपेटाइटिस सी का इलाज करने के लिए बाकायदा ट्रेनिंग दी। इसमें 22 जिला अस्पताल और तीन मेडिकल कालेज को शामिल किया गया था, जो अब बढ़कर 68 हो गए हैं।

अंगदान को प्रमोट करने में प्रो. धीमान का अहम रोल रहा है। उनके प्रस्ताव को चंडीगढ़ प्रशासन ने मानते हुए ड्राइविंग लाइसेंस में आर्गन डोनेशन की शपथ लेने को अंकित कराया। उनके देखरेख में देश में पहली बार पीजीआइ ने न्यू सुपर स्पेशिएल्टी कोर्स (डीएम) शुरू किया और लिवर ट्रांसप्लांटेशन प्रोग्राम को लॉन्‍च किया। एसजीपीजीआइ में हिपेटोलाजी विभाग शुरू करने से कोरोनाकाल में उनके मजबूत प्रबंधन की खूब सराहना हुई।

मेरे लिए यह बेहद खास दिन है। मैं इसका श्रेय पीजीआई चंडीगढ़ और पीजीआई लखनऊ की पूरी टीम को देना चाहूंगा। टीम के सहयोग के बिना कोई लक्ष्य हासिल नहीं हो पाता। सरकार को आभार प्रकट करना चाहूंगा। - प्रो. आरके धीमान, निदेशक, एसजीपीजीआई

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