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Hindi Diwas 2022: पद्मेश ने लंदन में बढ़ाया लखनऊ का सम्मान, अंग्रेजी बोलने वालों के लिए चलाते हैं हिंदी की पाठशाला

Hindi Diwas 2022 लखनऊ के पूर्व महापौर डा. दाऊजी गुप्ता के बेटे डा.पद्मेश आक्सफोर्ड बिजनेस कालेज के निदेशक के रूप में कार्य कर रहे हैं और वैश्विक हिंदी परिवार के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक भी हैं। सप्ताह में एक दिन आनलाइन हिंदी की पाठशाला चलती है।

By Vikas MishraEdited By: Updated: Wed, 14 Sep 2022 02:43 PM (IST)
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Hindi Diwas 2022: पूर्व महापौर डा.दाऊजी गुप्ता के बेटे लंदन में चला रहे हिंदी की पाठशाला
Hindi Diwas 2022: लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। हिंदी के उत्थान और विकास में हर कोई अपना योगदान कर सकता है, बस उसके अंदर हिंदी को लेकर संजीदगी होनी चाहिए। 1990 में हिंदी की बिंदी को लंदन में स्थापित करने वाले लखनऊ के पूर्व महापौर डा.दाऊजी गुप्ता के पुत्र डा.पद्मेश ने यूके हिंदी समिति का गठन भी किया है जिसके माध्यम से हिंदी दिवस पर हाल साल न केवल आयोजन करते हैं, बल्कि अंग्रेजी भाषा को बाेलने और समझने वालों के लिए हिंदी की पाठशाला में चलाते हैं।

आक्सफोर्ड बिजनेस कालेज के निदेशक के रूप में कार्य कर रहे डा.पद्मेश वैश्विक हिंदी परिवार के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक भी हैं। सप्ताह में एक दिन आनलाइन हिंदी की पाठशाला चलती है। 1993 से 2013 तक प्रतिवर्ष लंदन में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय हिंदी कवि सम्मेलन का संयोजन करते रहे हैं। 2001 से 2014 तक ब्रिटेन व यूरोप में होनी वाली हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता के संयोजन का भार भी डा.पद्मेश निभाते रहे।

डा.पद्मेश अब तक ब्रिटेन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुए चार सम्मेलनों, लंदन में 20 अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलनों, 1999 में यूके में हुए छठे विश्व हिन्दी सम्मेलन के संयोजक रह चुके हैं। लंदन में टेलीविज़न चैनल पर, हिंदी कविता पर 'वाह, क्या बात है' सीरीज का कई महीनो तक संचालन किया। डा1पद्मेश को विश्व स्तर पर हिंदी के विकास के लिए 1997 में ताज महोत्सव में सम्मानित किया गया।

वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा विदेशों में हिंदी प्रचार के लिए पुरस्कृत किया गया। 2003 में प्रवासी भारतीय दिवस पर दिल्ली में सम्मानित किया गया और वर्ष 2007 में न्यूयार्क में हुए आंठवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भारत सरकार द्वारा विश्व हिंदी सम्मान दिया गया। 2017 में पद्मेश गुप्त को देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केंद्रीय हिंदी संस्थान,द्वारा पद्मभूषण मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार से सम्मानित किया।

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