UP News: अब GST चोरी नहीं कर पाएंगे पान मसाला निर्माता, राज्यकर विभाग ने पेश किया नया फरमान
राज्यकर विभाग ने जीएसटी चोरी रोकने के लिए पान मसाला निर्माताओं को आदेश दिया है कि अब नई मशीनों के साथ पुरानी मशीनों का भी यूनिक आइडी नंबर विभाग को देना पड़ेगा। विभाग ने पुरानी मशीनों को यूनिक आइडी नंबर देने का अधिकार निर्माताओं को ही दे दिया है। साथ ही मशीनों को शिफ्ट करने या बेचने की भी जानकारी भी विभाग को देनी होगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्यकर विभाग ने जीएसटी चोरी रोकने के लिए पान मसाला निर्माताओं के विरुद्ध और सख्ती शुरू कर दी है। अभी तक पान मसाला फैक्ट्रियों में लगी पुरानी मशीनों का नंबर उपलब्ध न होने का तर्क देकर निर्माता विभाग को सही ब्योरा नहीं दे रहे थे। अब नई मशीनों के साथ पुरानी मशीनों का भी यूनिक आइडी नंबर विभाग को देना पड़ेगा। विभाग ने पुरानी मशीनों को यूनिक आइडी नंबर देने का अधिकार निर्माताओं को ही दे दिया है।
करीब 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने के बाद भी पान मसाला उद्योग जीएसटी चोरी को लेकर राज्यकर विभाग के रडार पर चल रहा है। पान मसाला उद्योग से सरकार को करीब चार हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। साथ ही हर माह 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की जीएसटी चोरी भी की जा रही है। इसी को रोकने के लिए राज्यकर विभाग ने व्यवस्था की थी कि पान मसाला निर्माता अपनी फैक्ट्रियों में लगी सभी मशीनों की जानकारी विभाग को उपलब्ध करवाएं।
इसके लिए एक फार्म पर मशीनों की क्षमता के साथ यूनिक आइडी नंबर डालने की व्यवस्था थी। इससे विभाग आसानी के साथ फैक्ट्री लगी मशीनों की क्षमता के आधार पर उत्पादन की जानकारी निकाल कर जीएसटी का आकलन कर सकता है। इस पर पान मसाला निर्माता तर्क दे रहे थे कि उनकी फैक्ट्रियों में लगी तमाम मशीनें पुरानी हैं और उन पर लिखे नंबर मिट चुके हैं।
मशीनों का नंबर विभाग को अपडेट करवा दें: राज्यकर आयुक्त
अब विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन मशीनों पर नंबर मिट चुके हैं उन्हें फैक्ट्रियों के संचालक खुद अपनी तरफ से एक नंबर देकर उसकी सूचना विभाग को उपलब्ध करवाएं। साथ ही मशीनों को शिफ्ट करने या बेचने की भी जानकारी भी विभाग को देनी होगी।
राज्यकर आयुक्त डा.नितिन बंसल ने बताया कि फिलहाल विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, लेकिन कोशिश है कि सभी पान मसाला निर्माता अपनी मशीनों का नंबर विभाग को अपडेट करवा दें। इससे भविष्य में विभाग के साथ उन्हें भी आसानी रहेगी।
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