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'पापा जहर का असर दिख रहा है...' जब बेटे ने फोन पर मुख्तार से की बात, झलक रहा था माफिया का दर्द

माफिया मुख्तार अंसारी का बेटे उमर के साथ अंतिम बातचीत का आडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रचलित है। उसने बेटे उमर से कहा कि बेटा-दस दिन से पेट खराब है बेहोशी और कमजोरी भी है। उठ-बैठ भी नहीं पा रहा हूं। दुनिया में शरीर चला जाता है पर रुह रह जाती है। इसमें उसका दर्द भी झलका और साफ है कि उसे कई तरह की बीमारियां थीं।

By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 30 Mar 2024 09:22 AM (IST)
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'पापा जहर का असर दिख रहा है...' जब बेटे ने फोन पर मुख्तार से की बात
जागरण टीम, लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी का बेटे उमर के साथ अंतिम बातचीत का आडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रचलित है। उसने बेटे उमर से कहा कि बेटा-दस दिन से पेट खराब है, बेहोशी और कमजोरी भी है। उठ-बैठ भी नहीं पा रहा हूं। दुनिया में शरीर चला जाता है, पर रुह रह जाती है।

इसमें उसका दर्द भी झलका और साफ है कि उसे कई तरह की बीमारियां थीं, जिससे वह बेहद थक चुका था। बातचीत का प्रचलित आडियो मौत से कुछ घंटे पहले का बताया जा रहा है। आडियो में उमर बातचीत शुरू करता है। वो कहता है कि पापा आप ठीक हैं न, तो मुख्तार हां में जवाब देता है।

उमर बोला कि अल्लाह ने बचा लिया है। रमजान के इस पाक महीने में तो मुख्तार का स्वर दर्द भरा है। बोला-मुझे बेहोशी आ रही है। बहुत कमजोरी भी लग रही है। उमर ने कहा कि अनुमति मिली तो मिलने आऊंगा। मुख्तार कहता है कि बेटा उठ-बैठ नहीं पा रहे हैं। उमर ने कहा कि ये सब जहर का असर दिख रहा है।

मैं व्हीलचेयर के सहारे हूं: मुख्तार

मुख्तार बोला-हां बाबू बाडी चली जाती है पर रुह यहीं रह जाती है। उमर कहता है, आप हिम्मत रखिए, अभी तो आपको हज करना है। कोई और रहता तो अब तक मर गया होता। मुख्तार बोला कि मैं व्हीलचेयर के सहारे हूं। उमर ने कहा कि आप जल्द सेहतमंद होंगे। वाशरूम जा रहे हैं। इस पर मुख्तार बोला कि मुझे मोशन नहीं हो पा रहा है। उमर ने कहा कि खजूर व फल लेकर आऊंगा। मुख्तार के भाई सिबगतुल्लाह ने कहा कि ऊपर वाला जरूर इसका बदला लेगा।

रात में रुका पोस्टमार्टम

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गुरुवार रात पोस्टमार्टम के कयास लगाए जाते रहे। जिलाधिकारी के साथ एसपी भी तड़के तक डटे रहे, लेकिन अंत में पोस्टमार्टम रुक गया। उमर ने कोर्ट से जांच कराने की बात कही तो कोई पेंच न फंसे इसलिए रात में पोस्टमार्टम रोका गया। दिन में भी एक-एक कागज को बारीकी से पढ़ा और लिखा गया। इससे देर होती चली गई।

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