Parliament Security Breach: फंडिंग के लिए सागर का ये था खतरनाक प्लान, जूता-मछली और ई-रिक्शा के कनेक्शन खंगाल रही ATS
संसद की सुरक्षा में सेंधमारी करने के आरोप में गिरफ्तार लखनऊ के सागर शर्मा एवं उसके स्वजन उसे भावुक युवक के तौर पर प्रस्तुत करना चाहते हैं। सागर की लाल डायरी के कई पन्ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किए गए लेकिन उसके इरादे बहुत खतरनाक थे। उसने संसद में न सिर्फ सेंधमारी की बल्कि इस बड़े षड्यंत्र के लिए फंडिंग की कोशिश भी की।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। संसद की सुरक्षा में सेंधमारी करने के आरोप में गिरफ्तार लखनऊ के सागर शर्मा एवं उसके स्वजन उसे भावुक युवक के तौर पर प्रस्तुत करना चाहते हैं। सागर की लाल डायरी के कई पन्ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किए गए, लेकिन उसके इरादे बहुत खतरनाक थे। उसने संसद में न सिर्फ सेंधमारी की, बल्कि इस बड़े षड्यंत्र के लिए फंडिंग की कोशिश भी की। उसने दिसंबर के पहले हफ्ते में फर्जी कागजात के आधार पर बैंक से कर्ज लेने की कोशिश की थी।
सागर शर्मा का जूता बनाने वाले मोची को भी एटीएस
महत्वपूर्ण है कि सागर के स्वजन अब तक कहते रहे हैं कि उसे बरगलाया गया था। सागर शर्मा का जूता बनाने वाले मोची को भी एटीएस और एलआइयू की टीम तलाश रही हैं। संसद में घुसने पर सागर ने जूते में स्मोक क्रैकर छिपाया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि 10 दिसंबर को दिल्ली जाने से पांच-छह दिन पहले सागर ने ई-रिक्शा के मालिक नन्हे शुक्ला के नाम बैंक में फर्जी दस्तावेज लगाकर लोन के लिए आवेदन किया था।
सागर उस ई-रिक्शा पर लोन चाहता था, जो उसने नन्हे से 500 रुपये प्रति दिन के किराए पर लिया था। वह ई-रिक्शा को बंधक रखकर कर्ज लेना चाहता था। सागर बैंक से 45 हजार रुपये लेना चाहता था। जांच एजेंसियों को शक है कि इस रकम का इस्तेमाल भी सेंधमारी में किया जाना था।
पिता के नाम पर रजिस्टर्ड है ई-रिक्शा
एटीएस और स्थानीय खुफिया इकाई (एलआइयू) की टीम ने जब नन्हे और उसके बेटे हिमांशु से पूछताछ की तो यह जानकारी सामने आई। अब जांच एजेंसियां संबंधित बैंक से जानकारी जुटाने में लगी हैं। हिमांशु ने बताया कि कुछ दिन पहले बैंक से उसके पिता को फोन कॉल आई थी।
बैंक कर्मियों ने कहा कि आपके नाम ई-रिक्शा रजिस्टर्ड है, उस पर लोन के लिए आवेदन किया गया है। यह बात सुनकर पिता नन्हे आवाक रह गए, क्योंकि उनकी तरफ से लोन के लिए आवेदन नहीं किया गया था। नन्हे के मना करने के बाद बैंक कर्मियों ने आवेदन निरस्त कर दिया था। जब इस बाद की जानकारी सागर के पिता रोशन शर्मा और मां रानी को मिली तो उन्होंने उसको फटकार लगाई थी।
ललित झा लॉकडाउन के समय कोलकाता की सड़कों पर मछलियां बेचा करता था
संसद में सुरक्षा में सेंध मामले का मास्टरमाइंड ललित झा लॉकडाउन के समय कोलकाता की सड़कों पर मछलियां बेचा करता था। उस समय वह कोलकाता के बागुइआटी इलाके में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहता था, इसी मकान की मालकिन शेफाली सर्दार ने शनिवार को यह बातें बताई।
उन्होंने कहा कि ललित के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए लॉकडाउन के समय परिवार चलाने के लिए उसे सड़कों पर मछलियां बेचनी पड़ीं। वह जब किराए पर मकान लेने आया था तो कहा था कि यहां उसके पिता और भैया आकर रहेंगे। बाद में वह अपनी मां को भी ले आया और खुद भी रहने लगा। उसने बताया था कि वह एक स्कूल में पढ़ाता था लेकिन वेतन कम होने के कारण नौकरी छोड़ दी थी। वह आसपास रहने वाले बच्चों को ट्यूशन देता था। इस मामले में कोलकाता पुलिस की नजर नीलाक्ष आइच के बाद एक और छात्र पर है। उसका नाम सायन पाल है और वह ‘साम्यवादी सुभाष सभा’ संगठन से जुड़ा बताया जा रहा है।
नीलम से मिलने की नहीं मिली अनुमति तो भाई ने ली अदालत की शरण
संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में गिरफ्तार हरियाणा के घसो खुर्द गांव की नीलम से मिलने के लिए भाई रामनिवास ने अदालत की शरण ली है। नीलम से मुलाकात करने और एफआइआर की कापी लेने के लिए पटियाला हाउस अदालत में याचिका दायर की है। इस पर 18 दिसंबर यानि सोमवार को सुनवाई होगी।
नीलम के भाई रामनिवास ने बताया कि वह शुक्रवार को दिल्ली में बहन से मिलने गया था, लेकिन पुलिस ने उसे मिलने नहीं दिया। ऐसे में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शनिवार को याचिका लगाई गई है। दिल्ली पुलिस नीलम को लेकर उसके घर आ सकती है इसको लेकर कयास लगाए जाते रहे। लेकिन शनिवार को टीम उसके घर नहीं पहुंची। स्थानीय पुलिस का कहना है कि नीलम से अब तक की पूछताछ के दौरान यहां के भी कुछ अन्य लोगों के नाम आए हैं। अभी यह पुष्टि नहीं हुई है कि यह लोग नीलम के संपर्क में थे या नहीं।