महादेव के अटूट प्रेम की निशानी है गोंडा का पार्वती-अरगा पक्षी विहार, अब विदेशी पर्यटकों को भी लुभाने की तैयारी
पिकनिक स्पाट के रूप में पार्वती-अरगा पक्षी विहार ने गोंडा को नई पहचान दिलाई है। वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन के रूप में इस स्थल का चयन किया गया है। वजीरगंज में पर्यटन की बढ़ती संभावना को देखते हुए विकास की नई उम्मीद जगी है।
By Vrinda SrivastavaEdited By: Updated: Wed, 03 Aug 2022 04:02 PM (IST)
गोंडा, संवाद सूत्र। पिकनिक स्पाट के रूप में पार्वती-अरगा पक्षी विहार ने गोंडा को नई पहचान दिलाई है। वन डिस्ट्रिक्ट, वन डेस्टिनेशन के रूप में इस स्थल का चयन किया गया है। वजीरगंज में पर्यटन की बढ़ती संभावना को देखते हुए विकास की नई उम्मीद जगी है। रामसर साइट पर दर्ज इस पक्षी विहार में देश-विदेश के पर्यटकों को लुभाने के लिए विकास कार्य कराए जाएंगे। बर्ड सेंचुरी एंटीग्रेटेड डेवलपमेंट के अलावा अन्य योजनाओं से बजट जुटाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं।
एक नजर में झील :
- 12 हजार हेक्टेयर में फैली है टिकरी क्षेत्र की पार्वती-अरगा झील
- 45 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय से है पार्वती-अरगा पक्षी विहार
- 09 किलोमीटर है पक्षी विहार का क्षेत्रफल
- 09 गांवों से होकर गुजरती है झील
- सबसे ज्यादा विदेशी पक्षियों को भाता है पार्वती-अरगा पक्षी विहार
झील का है धार्मिक महत्व : पार्वती-अरगा झील वैसे तो पक्षी विहार के नाम से जानी जाती है। इसकी मान्यता है कि ये माता पार्वती व भगवान महादेव के अटूट प्रेम की निशानी है। पार्वती झील ही नहीं, बल्कि इसके नाम से गांव भी बसा हुआ है। वन डिस्ट्रिक्ट, वन डेस्टिनेशन के रूप में राज्य सरकार ने गोंडा में पार्वती-अरगा पक्षी विहार का चयन किया है।पर्यटन स्थल के रूप में पक्षी विहार को और विकसित करने के लिए तैयारी चल रही है। विकास की संभावना व बजट की उपलब्धता को लेकर जल्द ही गोंडा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आहुत कराई जाएगी। - टी. रंगाराजू, डीएफओ सोहेलवा बलरामपुर
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