कृषक एक्सप्रेस में गंदे बदबूदार कंबल से यात्रियों को तबीयत बिगड़ी, बुलानी पड़ी डॉक्टरों की टीम
रेलवे के गंदे बेडरोल की लगातार शिकायतें कर रहे यात्रियों के लिए उस समय परेशानी बढ़ गई जब कृषक एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे करीब एक दर्जन यात्री गंदे और बदबूदार कंबल के कारण बीमार हो गए। इन यात्रियों को उल्टी होने लगी।
By Nishant YadavEdited By: Anil PandeyUpdated: Wed, 11 Jan 2023 04:01 PM (IST)
जागरण संवाददाता, लखनऊ : रेलवे के गंदे बेडरोल की लगातार शिकायतें कर रहे यात्रियों के लिए उस समय परेशानी बढ़ गई, जब कृषक एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे करीब एक दर्जन यात्री गंदे और बदबूदार कंबल के कारण बीमार हो गए। इन यात्रियों को उल्टी होने लगी। यात्रियों ने इसकी शिकायत रेलवे के कंट्रोल रूम से की। ट्रेन बादशाहनगर पहुंची तो रेलवे मंडल अस्पताल के डाक्टरों ने यात्रियों का उपचार किया। हालांकि रेलवे का कहना है कि लखनऊ जंक्शन पर ट्रेन के छूटने से पहले कुछ यात्रियों ने गंदे बिस्तर की शिकायत की थी। इसे बदल दिया गया था।
घटना सोमवार देर रात की है। ट्रेन नंबर 15008 कृषक एक्सप्रेस लखनऊ जंक्शन से गोरखपुर के रास्ते वाराणसी सिटी जाने को तैयार थी। इस बीच एसी थर्ड की बोगी बी-5 में सफर कर रहे सुमित शर्मा व अन्य यात्रियों ने कंबल से बदबू आने की शिकायत की। पहले तो बहुत देर तक कोच अटेंडेंट का ही कुछ पता नहीं चला। इसके बाद टीटीई से शिकायत करने पर कुछ यात्रियों के कंबल बदले गए। इस कारण लखनऊ से ट्रेन आधा घंटे की देरी से रवाना हुई।
ट्रेन लखनऊ सिटी पहुंची ही थी कि बोगी के दूसरे यात्रियों ने भी कंबल से बदबू आने की शिकायत की। लखनऊ सिटी से बादशाहनगर स्टेशन के बीच कई यात्री उल्टी करने लगे। सूचना मिलने पर कंट्रोल रूम ने बादशाहनगर स्थित मंडलीय रेल अस्तपाल की इमरजेंसी को संदेश दिया। कृषक एक्सप्रेस बादशाहनगर स्टेशन पहुंची तो रेलवे के डाक्टरों की टीम ने बीमार हुए यात्रियों का उपचार किया। उपचार कराने के बाद यात्री आगे रवाना हो सके। इस दौरान आधा घंटे तक ट्रेन खड़ी रही।
वीआइपी ट्रेन में पकड़ा गया धुलाई का सच
कृषक एक्सप्रेस पूर्वांचल जाने वाली पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की वीआइपी ट्रेन में शुमार है। रेलवे अपने यात्रियों को भले ही साफ सुथरा बेडरोल मुहैया कराने का दावा कर रहा हो, लेकिन हकीकत में आए दिन यात्री एसी बोगियों में सफर करते हुए गंदे बिस्तर मिलने की शिकायत करते रहते हैं। रेलवे भी मानता है कि कंबल की धुलाई महीने में एक बार की जाती है। मुनाफाखोरी के लिए ठेकेदार रेलवे से कम दर पर कोटेशन भरकर ठेका ले लेते हैं। इसके बाद इस्तेमाल की हुई चादरों और तकिया को बिना धुलाई के दोबारा प्रेस करके पैकेट में रख देते हैं।
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- 9 जनवरी : अयोध्या-दिल्ली एक्सप्रेस में यात्री नेहा सिंह ने गंदे बिस्तर दिए जाने की शिकायत दर्ज करायी।
- 9 जनवरी : मंडुवाडीह-नई दिल्ली सुपरफास्ट में राहुल गुप्ता ने गंदी चादर देने पर नाराजगी जतायी
- 9 जनवरी : मौर्य एक्सप्रेस की बोगी बी-3 में सफर कर रहे यात्री अरुप अगरकर को गंदी बेडशीट दी गई
- 9 जनवरी : ट्रेन 12592 यशवंतपुर-गोरखपुर एक्सप्रेस की बोगी ए-2 में परिवार सहित यात्रा कर रहे यात्री पीयूष मल को गंदे बेडरोल दिए गए
- 30 दिसंबर : वीआइपी ट्रेन एसी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे यात्री शैलेश सिंह ने इस्तेमाल चादर और तकिया देने की शिकायत की।