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Indian Railways Service Update: यात्रियों को अवैध वेंडरो से मिलेगा छुटकारा, रेलवे अब युवाओं को देगा रोजगार

चलती ट्रेन में सामान बेचने के नाम पर चोरी जहरखुरानी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने एक नया रास्ता खोजा है। रेलवे अवैध वेंडरों पर अंकुश लगाने के लिए बेरोजगार युवकों का सत्यापन कर उनको ही ट्रेनों में जरूरत का सामान बेचने के लिए अधिकृत करेगा।

By Vikas MishraEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 12:38 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 02:52 PM (IST)
ट्रेन के लखनऊ आउटर पर आते ही सदर बाजार सहित कई सेक्शन पर यह उतर भी जाते हैं।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। चलती ट्रेन में सामान बेचने के नाम पर चोरी, जहरखुरानी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने एक नया रास्ता खोजा है। रेलवे अवैध वेंडरों पर अंकुश लगाने के लिए बेरोजगार युवकों का सत्यापन कर उनको ही ट्रेनों में जरूरत का सामान बेचने के लिए अधिकृत करेगा। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन के इस प्रस्ताव को जोनल मुख्यालय ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही रेलवे का वाणिज्यिक अनुभाग इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर देगा। दरअसल, ट्रेनों में खाद्य वस्तुओं के अलावा यात्रियों को कंघी, खिलौने, साबुन, तौलिया, लगेज चेन, ताला, पेपर सोप जैसी जरूरत की वस्तुएं अवैध वेंडर बेचते हैं। जीआरपी और आरपीएफ की मिलीभगत से यह अवैध वेंडर बीच के स्टेशनों पर चढ़ जाते हैं।

ट्रेन के लखनऊ आउटर पर आते ही सदर बाजार सहित कई सेक्शन पर यह उतर भी जाते हैं। कई मामलों में यात्रियों के सामान की चोरी, जहरखुरानी जैसी घटनाओं में अवैध वेंडरो का नाम सामने आया है। इसे देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ने अब बेरोजगार युवकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उनको अधिकृत कर बिक्री की अनुमति देने की तैयारी की है। इन युवाओं का पुलिस सत्यापन करवाकर एक पहचान पत्र रेलवे बनाएगा। पहचान पत्र पहनकर ये वेंडर ट्रेनों में अपना सामान बेच सकेंगे। यदि इन वेंडरों की कोई शिकायत होगी तो यात्री आइकार्ड के नंबर के आधार पर उनकी पहचान कर सकेंगे। रेलवे प्रशासन के इस कदम से निश्चित रूप से ट्रेनों में चोरी और जहरखुरानी का मामलों में कमी देखी जा सकती है। हालांकि, अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। 

युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए रेलवे जरूरी सामान बेचने के लिए अधिकृत वेंडर को भी ट्रेनों में इसकी अनुमति देगा। पुलिस सत्यापन के बाद वेंडराें के पहचान पत्र जारी होंगे। वह खानपान की सामग्री नहीं बेचेंगे। -डॉ. मोनिका अग्निहोत्री, डीआरएम लखनऊ


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