Move to Jagran APP

जब्त हो सकता है लखनऊ की तन्वी सेठ का पासपोर्ट, रिपोर्ट में झूठे निकले कई दावे

लखनऊ के हिंदू-मुस्लिम दंपत्ति के पासपोर्ट विवाद में जांच टीम ने बड़ी खोज कर ली है। जिसके कारण अब तन्वी सेठ का पासपोर्ट रद होने के साथ ही जब्त हो सकता है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 26 Jun 2018 03:59 PM (IST)
Hero Image
जब्त हो सकता है लखनऊ की तन्वी सेठ का पासपोर्ट, रिपोर्ट में झूठे निकले कई दावे
लखनऊ (जेएनएन)। हिंदू पत्नी तन्वी सेठ तथा मुस्लिम पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी का लखनऊ में बना पासपोर्ट बेहद सुर्खियों में है। इनमें से तन्वी सेठ का पासपोर्ट अब जब्त हो सकता है। तन्वी ने पासपोर्ट आवेदन के दौरान जो पता दिया है, उस पर वह बीते एक वर्ष से अधिक के समय से निवास हीं नहीं कर रही हैं। तन्वी ने पासपोर्ट आवेदन में गलत जानकारी दी थी। फैसला अब विदेश मंत्रालय को लेना है।

लखनऊ के हिंदू-मुस्लिम दंपत्ति के पासपोर्ट विवाद में जांच टीम ने बड़ी खोज कर ली है। जिसके कारण अब तन्वी सेठ का पासपोर्ट रद होने के साथ ही जब्त हो सकता है। मोहम्मद अनस सिद्दीकी की पत्नी तन्वी सेठ (अब सादिया हसन) के लखनऊ आवास पहुंची लोकल इंटेलिजेंस टीम (एलआइयू) का कहना है कि तन्वी सेठ ने पासपोर्ट आवेदन में लखनऊ का जो पता दर्शाया है, वहां वह एक वर्ष से कभी लंबे समय तक रही ही नहीं। एलआईयू की टीम वेरिफिकेशन के लिए कल ही लखनऊ में तन्वी सेठ के ससुराल पहुंची थी। अपने पासपोर्ट आवेदन में तन्वी सेठ ने लखनऊ के कैसरबाग इलाके में झाऊलाल बाजार के पास चिकवाली गली में घर का पता दिया था। जहां उसके ससुराल वाले रहते हैं। जांच टीम ने बताया कि तन्वी के ससुराल वाले इसका कोई सबूत पेश नहीं कर सके कि तन्वी पिछले एक साल के दौरान वहां रही थी।

लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाने वाली तन्वी सेठ का पासपोर्ट जब्त हो सकता है। तन्वी सेठ ने पासपोर्ट आवेदन में आवास स्थान की गलत जानकारी दी। लखनऊ के आवास पर वह लंबे समय तक रही ही नहीं। नियमों के मुताबिक, तन्वी पर गलत जानकारी देने के आरोप सही पाए जाते हैं तो उसका पासपोर्ट रद होने के साथ जब्त हो सकता है।

लखनऊ पुलिस की रिपोर्ट तन्वी के खिलाफ चली गई है। इस बार मामला उनके दो नाम या धर्म परिवर्तन को लेकर नहीं है। उन्होंने लखनऊ में ही रहने का दावा किया था, पासपोर्ट ऑफिस को तन्वी ने बताया था कि वह पति अनस सिद्दीक़ी के साथ नोएडा में नौकरी करती हैं, लेकिन उनका काम ऐसा है कि लखनऊ में घर से रह कर ही हो जाता है। जब लखनऊ पुलिस ने तन्वी के मोबाइल नंबर की डिटेल निकाली तो पता चला कि तन्वी 14 जून से पहले नोएडा में रह रही थी।

पासपोर्ट बनवाने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी होता है। तन्वी सेठ के केस में लखनऊ के कैसरबाग पुलिस थाने ने रिपोर्ट बनाई है। इसमें लखनऊ में रहने का उनका दावा झूठा निकला। पड़ोसियों ने बताया कि वह तो पति के साथ नोएडा में ही रहती हैं। उनकी बेटी भी उनके साथ ही रहकर वहां पढ़ती है। जब पुलिस ने तन्वी सेठ के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाली तो पता चला कि तन्वी 14 जून से पहले नोएडा में रह रहीं थीं। पासपोर्ट बनवाने के लिए लखनऊ आईं थी। 19 जून को उन्होंने आवेदन किया था।

तन्वी सेठ के दावे के मुताबिक 20 जून को पासपोर्ट ऑफिस में सीनियर सुपरिटेंडेंट विकास मिश्र से उनकी कहासुनी हुई। मीडिया में रिपोर्ट आने के बाद अगले ही दिन उन्हें हाथों हाथ पासपोर्ट मिल गया। तन्वी सेठ के कॉल डिटेल से पता चला कि वे लगातार नोएडा में रहीं हैं। उन्होंने जब भी फोन किया, मोबाइल टावर नोएडा और दिल्ली के ही मिले। 14 से टावर के लोकेशन लखनऊ के बताए जाते हैं।

क्या है नियम

नियम तो ये कहता है कि जिस पते पर आप छह महीने से रहते हैं, उसी पते पर आपका पासपोर्ट बनेगा। सेना, केन्द्रीय पुलिस बल और स्टूडेंट्स को इस नियम में छूट है। नोएडा में रहने वाली तन्वी सेठ को गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस में आवेदन करना चाहिए था। उनके नाम को लेकर भी पेंच है। अनस से शादी करने से पहले उन्होंने धर्म बदल लिया था। इसके बाद निकाहनामा में उनका नाम सादिया अनस है। पासपोर्ट फॉर्म में उन्होंने ये जानकारी दी है कि उन्होंने कभी भी अपना नाम नहीं बदला। इसी बात पर पासपोर्ट ऑफिस के कर्मचारी विकास मिश्र से उनकी बहस हुई थी। जिस पर तन्वी ने आरोप लगाया था कि उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए कहा गया था। उन्हें हिंदू बनने के लिए कहा गया था। निकाहनामा के बावजूद तन्वी का इसी नाम से पासपोर्ट बन सकता है, लेकिन उन्हें नाम बदलने की जानकारी नहीं छिपाना चाहिए थी।

बिना पुलिस वेरिफिकेशन के पासपोर्ट देने पर बढ़ा विवाद

21 जून को सवेरे 11 बजे तन्वी सेठ और पति अनस सिद्दीकी को हाथोंहाथ पासपोर्ट दे दिया गया था। तन्वी का पासपोर्ट नया बना था जबकि अनस का पासपोर्ट रीन्यू हुआ था। बिना पुलिस वेरिफिकेशन के पासपोर्ट देने पर विवाद बढ़ गया। तब रीजनल पासपोर्ट अफसर पीयूष वर्मा ने कहा था, हमारा अधिकार है हम किसी को पासपोर्ट दे सकते हैं। पासपोर्ट धारक का पुलिस वेरिफिकेशन बाद में भी हो जाता है। यह नियम तत्काल कैटेगरी में है, लेकिन तन्वी ने जनरल कोटे से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था।

पासपोर्ट विवाद को लेकर विदेश मंत्री भी हो गईं ट्रोल

लखनऊ के इस पासपोर्ट विवाद के मीडिया में आने के बाद दबाव में अनस-तन्वी का पासपोर्ट जारी कर दिया गया और पासपोर्ट देने से मना करने वाले अधिकारी विकास मिश्रा का गोरखपुर ट्रांसफर भी कर दिया गया। इसके बाद एक तबके को यह बात पसंद नहीं आई। इसे लेकर सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को जमकर ट्रोल किया गया और उनके फेसबुक पेज की रैंकिंग गिराने की मुहिम भी चली। सुषमा स्वराज को लेकर की गई कई टिप्पणियों में भद्दी भाषा का भी प्रयोग किया गया। इन सभी ट्रोलर्स का हालांकि सुषमा स्वराज ने बड़ी ही दिलेरी से सामना किया और खुद ही इनका स्वागत किया और अपने जवाब से ट्रोल करने वालों की बोलती बंद कर दी। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।