लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर जल्द ही एक नई टोल व्यवस्था लागू होने जा रही है जिसके तहत वाहन चालकों को जितना चलेंगे उतना ही टोल देना होगा। इस नए सिस्टम में जीपीएस और सेटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। कैमरे वाहनों के नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और तय करेंगे कि कितना टोल देना है। यह व्यवस्था पहले लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर ट्रायल के तौर पर लागू होगी।
अंशू दीक्षित,
लखनऊ।
जितना चलेंगे अब उतना ही देना होगा टोल टैक्स। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा राजमार्गों पर शुरू होने जा रही नई टोल व्यवस्था सबसे पहले लखनऊ से अयोध्या के बीच ट्रायल के तौर पर लागू होगी। अगर परिणाम सही रहे तो बाकी राजमार्गों पर भी जल्द यही सिस्टम लागू होगा।
लखनऊ से अयोध्या के बीच करीब 120 किमी. की दूरी में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से वाहन से टोल टैक्स आटोमेटिक कट जाएगा। इस नए टोल सिस्टम में सेटेलाइट की मदद से टोल की गणना होगी और जितना किलोमीटर आप ट्रैवल करेंगे, उतना ही टैक्स आपको देना होगा।
सेटेलाइट से कनेक्ट होंगे कैमरे
लखनऊ-अयोध्या रूट पर जल्द ही प्राधिकरण आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकोग्नाइजेशन (एएनपीआर) को स्कैन करने वाले कैमरे जगह-जगह लाएगा, जो सेटेलाइट से कनेक्ट होंगे।
वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक बार चले जाएं तो 60 किमी. का टोल टैक्स चुकाना ही पड़ता है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रयास है कि आने वाले पांच से दस सालों में टोल प्लाजा हटा दिए जाए और उनका स्थान जीएनएसएस ले लें। इससे करोड़ों रुपये का राजस्व जो निजी कंपनिया टेंडर लेकर लाभ उठाती हैं, यह धनराशि भी सरकार के राजस्व में जाएगी। टोल दर किलोमीटर के अनुसार होगी।
यात्रा की दूरी से तय होगा टोल टैक्स
फास्ट टैग सिस्टम समाप्त कर गाड़ियों पर आन बोर्ड यूनिट डिवाइस लगाए जाएंगे, जो यात्रा की सटीक दूरी के आधार पर टोल तय करेंगे। ट्रायल सफल होने पर एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) अयोध्या रूट के बाद लखनऊ से कानपुर, लखनऊ से सीतापुर, लखनऊ से रायबरेली हाईवे पर यह प्रक्रिया अपनाएगा।
नई व्यवस्था में राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क पर यात्रा 20 किमी. तक निश्शुल्क में कर सकेंगे। सेटेलाइट वाहनों द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर तय करेंगे कि कितना टोल देना है। भुगतान प्रक्रिया को मौजूदा फास्टैग इकोसिस्टम की तरह ही विकसित किया जा रहा है, जो सीधे बैंक खाते से जुड़ा होगा। हाईवे खत्म होते ही धनराशि खाते से कट जाएगी और संदेश आपके मोबाइल फोन पर आ जाएगा।
लखनऊ-अयोध्या हाई वे पर जीपीएस प्रणाली से टोल कट सके। इसके लिए सर्वे शुरू किया जा रहा है। इस नए प्रयास से वाहन चालक जितना हाई वे पर चलेगा, उतना ही टोल देना होगा।
सौरभ चौरसिया, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ
250 करोड़ से लखनऊ-अयोध्या 100 एमएम होगा मोटा
लखनऊ से अयोध्या के बीच सड़क को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दुरुस्त करवा रहा है।
यही नहीं सड़क की मोटाई 100 एमएम मोटी कराने का काम भी प्राधिकरण ने शुरू करवा दिया है। लखनऊ से अयोध्या के बीच करीब 120 किमी. सड़क और बेहतर हो जाएगी। यह लक्ष्य आगामी कुंभ से पहले प्राधिकरण ने करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सड़क की मोटाई ज्यादा होने से सड़क पर चलना और सुगम हो जाएगा। परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 250 करोड़ रुपये का खर्च आना है।
इसे भी पढ़ें: केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, रिकॉर्ड संख्या में पहुंचे तीर्थयात्री
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।