Move to Jagran APP

यूपी में नई सरकार के गठन के साथ ही बढ़ेगी गरीबों की पेंशन, करीब एक करोड़ लाभार्थियों को मिलेंगे 1500 रुपये प्रति माह

भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर वृद्धावस्था दिव्यांगजन एवं निराश्रित महिला पेंशन बढ़ाकर 1500 रुपये करने का वादा किया था। प्रदेश में चुनाव से कुछ माह पहले ही योगी सरकार ने इनकी पेंशन 500 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रति माह की थी।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 18 Mar 2022 07:48 AM (IST)
Hero Image
यूपी में वृद्धावस्था, निराश्रित महिला एवं दिव्यांगजन पेंशन के एक करोड़ हैं लाभार्थी
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश विधानसभा बहुमत से जीतने के बाद भाजपा के संकल्प पत्र के वादों को साकार करने के लिए समाज कल्याण विभाग जुट गया है। प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनते ही गरीबों की पेंशन बढ़ाई जाएगी। इसमें वृद्धावस्था, निराश्रित महिला एवं दिव्यांगजन पेंशन के करीब एक करोड़ लाभार्थी शामिल हैं। सरकार इन्हें एक हजार रुपये के बजाय 1500 रुपये प्रति माह पेंशन देगी। इस पर सरकार के हर साल करीब 18 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। इसके साथ ही निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह में अब 51 हजार रुपये के बजाय एक लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

दरअसल, भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर वृद्धावस्था, दिव्यांगजन एवं निराश्रित महिला पेंशन बढ़ाकर 1500 रुपये करने का वादा किया था। प्रदेश में चुनाव से कुछ माह पहले ही योगी सरकार ने इनकी पेंशन 500 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रति माह की थी। अब नई सरकार बनने पर पेंशन की राशि और बढ़ जाएगी। सरकार के इस फैसले से करीब एक करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। इनमें 56 हजार वृद्धावस्था, 11 लाख दिव्यांगजन व 31 लाख से अधिक निराश्रित महिला पेंशन के लाभार्थी हैं।

भाजपा के इस संकल्प को साकार करने के लिए समाज कल्याण विभाग जुट गया है। विभाग फिलहाल इस आकलन में लगा है कि पेंशन की धनराशि बढ़ाने में कितनी धनराशि की और जरूरत होगी। इसके साथ ही गरीब कन्याओं के सामूहिक विवाह में अब प्रति लाभार्थी एक लाख रुपये खर्च किया जाएगा।

समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक आरपी सिंह ने बताया कि संकल्प पत्र के अनुसार एक लाख रुपये प्रति लाभार्थी के हिसाब से बजट निकाला जा रहा है। साथ ही यह पैसा किस-किस मद में खर्च किया जाएगा इस पर भी काम चल रहा है। नई सरकार गठित होते ही प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना में करीब 50 हजार गरीब कन्याओं का विवाह वर्तमान वित्तीय वर्ष में कराया जा चुका है।

अभी सामूहिक विवाह योजना में प्रत्येक जोड़े पर जो 51 हजार रुपये खर्च होते हैं उनमें कन्या के खाते में 35 हजार रुपये दिए जाते हैं। विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि पर 10 हजार रुपये खर्च होते हैं। साथ ही प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन पर सरकार छह हजार रुपये खर्च करती है। प्रत्येक जोड़े पर एक लाख रुपये का बजट होने से सभी मदों में धनराशि बढ़ जाएगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।