PM Kisan Yojana: पीएम किसान योजना के मृत लाभार्थियों को भी भेजा रहा पैसा, अब एक्शन लेने के निर्देश
PM Kisan Yojana पीएम किसान योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 2.55 करोड़ से भी अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है। भौतिक सत्यापन में तीन से चार प्रतिशत ऐसे लाभार्थियों की आ रही है जिनकी मौत हो गई है लेकिन भुगतान भी बैंक खाते में जा रहा है।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Tue, 14 Jun 2022 06:49 AM (IST)
PM Kisan Samman Nidhi Yojana: लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। प्रधानमंत्री (पीएम) किसान सम्मान निधि योजना के मृत लाभार्थियों के बैंक खातों में निरंतर भुगतान भेजा रहा है। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की ओर से कई बार आदेश भेजे जाने के बाद भी भुगतान रोका नहीं गया है। इस पर शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए मृत किसानों के खाते को डिलीट करके भुगतान रोकने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की साप्ताहिक समीक्षा मुख्य सचिव स्तर से होगी।
पीएम किसान योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 2.55 करोड़ से भी अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है। लाभार्थी किसान के मृत हो जाने के तत्काल बाद उसका डाटा योजना के पोर्टल से डिलीट करने के निर्देश हैं, ताकि भविष्य में योजना का लाभ उनके खाते में न जाने पाए। साथ ही उनके पात्र वारिश यदि प्रार्थनापत्र देते हैं तो शीघ्र सत्यापन करके उन्हें लाभ दिलाया जाना है।उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने 30 जून 2021 को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वरासत अभियान के तहत राजस्व विभाग के आनलाइन पोर्टल पर दर्ज मृत किसान का शत प्रतिशत डाटा रोका जाए। इसकी समीक्षा में पाया गया कि एक जनवरी 2019 के बाद 18.73 लाख किसानों की वरासत दर्ज हुई है। उसके सापेक्ष मृत किसानों के रोके गए खातों की संख्या काफी कम है।
अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि विभिन्न स्तरों पर कराए गए भौतिक सत्यापन में तीन से चार प्रतिशत ऐसे लाभार्थियों की आ रही है, जिनकी मौत हो गई है लेकिन भुगतान भी बैंक खाते में जा रहा है। जिलाधिकारी कृषि व राजस्व विभाग से समन्वय बनाकर समयबद्ध अविलंब कार्रवाई करें। सभी जिलों को वरासत मामलों की संख्या जनपदवार भेजी है।
मृत किसानों का विवरण भी डिजिटल फार्म में कृषि निदेशक के माध्यम से सभी कृषि उप निदेशकों को भेजा जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिया है कि जिलाधिकारी इसका सत्यापन कराएं, यदि भुगतान अब तक नहीं रोका गया है तो तत्काल बैंकों से संपर्क करके रुकवाएं। हर शुक्रवार को उप कृषि निदेशक तय फार्मेट पर प्रगति रिपोर्ट भेजेंगे। इस कार्य को हर हाल में 15 जुलाई तक पूरा करना है।
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